पटना के शिक्षक ‘गुरु रहमान’ ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग की

पटना के शिक्षक ‘गुरु रहमान’ ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग की

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  • Publish Date - January 22, 2025 / 09:35 PM IST,
    Updated On - January 22, 2025 / 09:35 PM IST

पटना, 22 जनवरी (भाषा) ‘गुरु रहमान’ नाम से मशहूर पटना के शिक्षक मोती-उर-रहमान खान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य को पत्र लिखकर पिछले महीने आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।

रहमान ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने पत्र को अपने खून से लिखा है।

पटना के शिक्षक ने यह भी कहा कि वह पत्र की प्रतियां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बीपीएससी के अध्यक्ष और सचिव को भेजेंगे।

अपने हाथ पर बने कट के निशान को दिखाते हुए ‘गुरु रहमान’ ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह सिर्फ एक ट्रेलर है’…अगर जरूरत पड़ी तो मैं छात्रों के हित के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सिर्फ बीपीएससी की 13 दिसंबर की परीक्षा को रद्द करवाना चाहते हैं।’

रहमान ने कहा कि छात्र पिछले 34 दिनों से धरने पर बैठे हैं और ऐसा लगता है कि बीपीएससी को कोई लज्जा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रदर्शनकारी छात्रों के लिए न्याय चाहता हूं। हम महात्मा गांधी के देश में रह रहे हैं…छात्रों की आवाज सुनी जानी चाहिए। मैंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव को पत्र लिखकर बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द करने की मांग की है…छात्र फिर से परीक्षा चाहते हैं।’

इस बीच, प्रदर्शनकारी छात्रों के एक समूह ने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर राज्य भाजपा कार्यालय के बाहर धरना दिया। कुछ छात्र पार्टी कार्यालय के अंदर चले गए । वे इस मुद्दे को लेकर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मिलना चाहते थे।

हालांकि, पार्टी के दोनों नेता कार्यालय में मौजूद नहीं थे। बाद में, पुलिस कर्मियों ने छात्रों को वहां से हटा दिया।

पिछले साल 13 दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित सीसीई परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के कारण विवादों में घिर गई है।

सरकार ने एक तरफ आरोपों को खारिज कर दिया है। मगर आयोग ने पटना के एक केंद्र पर 12,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की है। इसे प्रदशर्नकारियों ने ‘समान अवसर’ के सिद्धांत के खिलाफ बताया है।

भाषा अनवर नोमान

नोमान