पटना सिलसिलेवार विस्फोट मामले में चार दोषी की मृत्युदंड की सजा 30 वर्ष के कारावास में बदली गई

पटना सिलसिलेवार विस्फोट मामले में चार दोषी की मृत्युदंड की सजा 30 वर्ष के कारावास में बदली गई

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  • Publish Date - September 11, 2024 / 02:20 PM IST,
    Updated On - September 11, 2024 / 02:20 PM IST

पटना, 11 सितंबर (भाषा) पटना उच्च न्यायालय ने 2013 के सिलसिलेवार विस्फोट मामले में चार दोषियों की मौत की सजा बुधवार को 30 वर्ष के कारावास में बदल दी।

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की चुनावी रैली के दौरान गांधी मैदान में विस्फोट हुए थे।

न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा दो अन्य दोषियों को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।

एनआईए के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, “पटना उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2013 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में दोषी ठहराए गए चार लोगों की मौत की सजा को बुधवार को 30 साल के कारावास में बदल दिया। जिन चार दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है, उनमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम शामिल हैं। इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने दो अन्य दोषियों उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।”

नवंबर, 2021 में एक विशेष एनआईए अदालत ने मामले में नौ दोषियों में से चार को मृत्युदंड, दो को आजीवन कारावास, दो को 10 साल की कैद और एक को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

उल्लेखनयी है कि 2013 में, नरेन्द्र मोदी की ‘हुंकार’ रैली के दौरान पटना में लगभग छह सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे।

पहला धमाका पटना रेलवे स्टेशन पर जबकि शेष धमाके गांधी मैदान और उसके आसपास हुए थे। इन धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे।

भाषा सं अनवर जोहेब

जोहेब