पटना, पांच अक्टूबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने बिहार में जारी भूमि सर्वेक्षण को “गरीबों को उनकी जमीनों से बेदखल करने का प्रयास” करार देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसे तत्काल रोकने का अनुरोध किया।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल पार्टी ने घोषणा की कि वह कई मोर्चों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की कथित नाकामियों के खिलाफ 16 से 25 अक्टूबर के बीच पूरे राज्य में ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ अभियान चलाएगी। बिहार में पार्टी के दो लोकसभा सदस्य हैं।
भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “यह एक तथ्य है कि नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में गरीबों को उनकी जमीनों से बेदखल करने के लिए भूमि सर्वेक्षण शुरू किया है। राज्य सरकार पीढ़ियों से अपनी जमीनों पर रहती आ रहे गरीब लोगों को निशाना बना रही है।”
उन्होंने कहा, “हम राज्य सरकार से तत्काल इसे रोकने का आग्रह करते हैं और अगली बार जब भी सरकार इसे शुरू करने की योजना बनाती है, तब उसे गरीबों को पहले यह गारंटी देनी होगी कि यह कवायद पूरी होने के बाद उन्हें जमीनें दी जाएंगी।”
भट्टाचार्य ने कहा, “इसी तरह स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाना भी गरीबों से पैसे ऐंठने का सरकार का एक और प्रयास है। यह पूरी तरह से अनुचित है। बिजली बिलों में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। हम ये सब नहीं होने देंगे।”
उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए भाकपा (माले) लिबरेशन ने बिहार में राजग सरकार की कई मोर्चों पर विफलता के खिलाफ 16 से 25 अक्टूबर तक राज्यव्यापी अभियान ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ शुरू करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि अंत में पार्टी नीतीश कुमार सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए 27 अक्टूबर को पटना में ‘न्याय सम्मेलन’ आयोजित करेगी।
भाषा जोहेब माधव
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