चाहे गाय हो या व्यक्ति, किसी की भी ‘लिंचिंग’ नहीं होनी चाहिए- आरएसएस प्रचारक

चाहे गाय हो या व्यक्ति, किसी की भी ‘लिंचिंग’ नहीं होनी चाहिए- आरएसएस प्रचारक

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  • Publish Date - September 8, 2024 / 05:43 PM IST,
    Updated On - September 8, 2024 / 05:43 PM IST

पटना, आठ सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि ‘न किसी व्यक्ति ‘लिंचिंग’ (पीट-पीट कर हत्या) होनी चाहिए और न ही गाय की ‘लिंचिंग’ होनी चाहिए।”

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ने पटना में पत्रकारों से यह भी कहा कि संघ अपने प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जाति जनगणना के पक्ष में व्यक्त किए गए विचारों के साथ खड़ा है।

इंद्रेश ने कहा, ‘माननीय मोहन जी ने जो कहा है, वह आरएसएस के शत-प्रतिशत स्वयंसेवकों का विचार है। जाति एक वास्तविकता है जिसे हम नकार नहीं सकते। लेकिन हमें जातिवाद के जहर को दूर रखने पर ध्यान देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “इसी तरह, हमारा भी मानना ​है कि कई धर्म हैं और रहेंगे। लेकिन हमें धार्मिक कट्टरता और उसके कारण होने वाली हिंसा से सावधान रहना चाहिए। लोगों को सभी के प्रति सम्मान रखते हुए अपने पथ का अनुसरण करना चाहिए।’

गौरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर हत्याएं किए जाने और विपक्ष द्वारा इनके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराए जाने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ‘देश और दुनिया के कई हिस्सों में लोग मांस खाते हैं। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि लोग गायों के प्रति संवेदनशील हैं। इसलिए, हमें ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें गायों की ‘लिचिंग’ (हत्या) न हो और न ही किसी व्यक्ति की ‘लिंचिंग’ हो। हमारा हिंदुस्तान अनेक जातियों, उपजातियों, भाषा, बोलियों, मत, पंत, धर्मों और खानपान का देश है।”

आरएसएस पदाधिकारी ‘पंचम धाम’ के संरक्षक भी हैं। उन्होंने कहा कि ‘अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संगठन की बिहार इकाई ‘ ने गणेश चतुर्थी पर एक कार्यक्रम शुरू किया है जो अगले साल महा शिवरात्रि पर समाप्त होगा।

उन्होंने कहा, ‘राज्यव्यापी कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो दंगों और जाति आधारित भेदभाव से मुक्त हो और जिसमें गरीबों के प्रति करुणा हो।’

कार्यक्रम बिहार के शेखपुरा के सिंहेश्वर महादेव स्थान पर शुरू किया गया और इसमें भगवान शिव को समर्पित 108 मंदिर शामिल होंगे।’

आरएसएस वरिष्ठ पदाधिकारी नेता ने कहा, ‘अंतिम चरण में, पटना में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जो 12 फरवरी को संत रविदास जयंती के साथ शुरू होगा और 26 फरवरी को महा शिवरात्रि के अवसर पर समाप्त होगा।’

भाषा अनवर नोमान

नोमान