नीतीश ने लालू के साथ गठबंधन की प्रधानमंत्री की आलोचना को खारिज किया

नीतीश ने लालू के साथ गठबंधन की प्रधानमंत्री की आलोचना को खारिज किया

नीतीश ने लालू के साथ गठबंधन की प्रधानमंत्री की आलोचना को खारिज किया
Modified Date: July 20, 2023 / 01:29 am IST
Published Date: July 20, 2023 1:29 am IST

पटना, 19 जुलाई (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई आलोचना को खारिज कर दिया। उन्होंने इसी के साथ राजद के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को रेखांकित किया।

नीतीश से पत्रकारों ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में मोदी की टिप्पणियों के बारे में पूछा था। उक्त बैठक में प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोधी दलों की बैठक में ‘इंडिया’ नामक एक नए गठबंधन की घोषणा किए जाने पर ‘जदयू और राजद द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ उपयोग किये गए अपशब्द का जिक्र किया था।’’

एक पत्रकार ने जब यह पूछा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि आपलोग राजद को गाली देते थे लेकिन आज साथ में बैठकर बैठक कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी बात ये लोग क्यों बोल रहे हैं? वे भूल गये कि हमने वर्ष 2015 में मिलकर चुनाव लड़े थे और सरकार बनायी थी। इसके बाद उन पर मामले दर्ज कर, हमारे पीछे पड़कर, अपने साथ ले गए थे। फिर हम वापस आ गये हैं। जो बोलते हैं उन्हें बोलने दीजिए।’’

 ⁠

जदयू के शीर्ष नेता वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र कर रहे थे, जो उनकी पार्टी ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था और प्रधानमंत्री के गहन चुनावी अभियान के बावजूद भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को करारी हार दी थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि लालू के साथ उनका जुड़ाव बहुत पुराना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक इंजीनियरिंग का छात्र और एक कार्यकर्ता था जिसका समर्थन उनके पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।’’

नीतीश ने यह भी याद किया कि उनके छात्र जीवन के दौरान, वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, जो लंबे समय तक बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे, महासचिव थे। उन्होंने कहा, ‘‘उसी (छात्र जीवन के दौर की तरह) तरह मैंने उनका समर्थन किया था, हालांकि वह इन दिनों मेरे खिलाफ बहुत कुछ बोलते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिसको हम अपनी जगह पर मुख्यमंत्री बनाये, उसकी हालत क्या हुई। एक आईएएस अधिकारी को हमने कहां से कहां, क्या बना दिया। आज वे अपने को क्या कहते हैं। ऐसे लोगों का क्या कीजियेगा। अनेक लोग इधर-उधर हैं। ये हमारा दुर्भाग्य है। अब हम सभी लोगों की राय से ही काम करते हैं।’’

नीतीश का इशारा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी जो राजग में शामिल हो गए हैं, और पूर्व जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह की ओर था जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।

नीतीश विपक्षी दलों की बैठक के लिए बेंगलुरु की अपनी यात्रा के दौरान लालू प्रसाद और उनके बेटे और वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपने साथ ले गए थे।

तीनों सोमवार दोपहर को एक साथ निकले थे और मंगलवार को वापस लौटे।

नीतीश ने बुधवार शाम को लालू प्रसाद से भी मुलाकात की, जो अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें आवंटित सरकारी बंगले में रहते हैं।

राजद सुप्रीमो के एक करीबी सूत्र ने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कई बीमारियों से ग्रस्त लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने गए थे। पिछले साल लालू प्रसाद के गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था और बेंगलुरु यात्रा के दौरान उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। इस मौके पर बगल के बंगले में रह रहे तेजस्वी यादव भी पहुंचे।

तेजस्वी के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के ताजा आरोप पत्र के बाद अटकले थी कि नीतीश फिर से राजद से गठबंधन तोड़ सकते हैं। इस लिहाज से दोनों नेताओं के मित्रवत संबंध को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भाषा अनवर धीरज

धीरज


लेखक के बारे में