पटना, 21 मार्च (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रगान का अपमान करने को लेकर शुक्रवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष के निशाने पर रहे।
मामले से जुड़ा एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें नीतीश कुमार ‘पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान मंच पर बगल में खड़े अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार से हंसते और बात करते नजर आ रहे हैं।
कथित वीडियो में नीतीश कुमार राष्ट्रगान के दौरान हंसते हुए अपने प्रधान सचिव के कंधे को थपथपाते और कुछ बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने दर्शकों में से किसी की ओर हाथ जोड़कर नमस्कार भी किया।
इससे पहले, कार्यक्रम के दौरान जैसे ही राष्ट्रगान की घोषणा हुई, नीतीश कुमार अचानक मंच से उतरकर प्रतिभागियों से मिलने चले गए।
प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर शुक्रवार को विधानमंडल पहुंचे और मुख्यमंत्री के व्यवहार की निंदा करते हुए ‘भारत में राष्ट्रगान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’ जैसे नारे लगाए।
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के व्यवहार पर उनकी पार्टी द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की।
इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद थे।
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्षी सदस्यों से बार-बार यह अनुरोध किया कि वे ‘शून्य काल’ के दौरान इस मुद्दे को उठा सकते हैं और उन्होंने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के आसन के समीप चले आए तथा नीतीश कुमार से ‘बिना शर्त माफी’ मांगने को कहा।
कुछ सदस्यों ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग की और इस घटना को ‘राष्ट्रगान का अपमान’ करार दिया।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे पर अपना जवाब दे सकती है लेकिन सदन की कार्यवाही से संबंधित मौजूदा प्रावधानों के अनुसार ही इस मामले को उठाया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित होने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रगान का अपमान किया। हम बिहारी होने के नाते इसके लिए शर्मिंदा हैं। नीतीश कुमार जी ने बिहारवासियों का माथा शर्म से झुका दिया। यह गंभीर मामला है…क्योंकि यह मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रगान का अपमान किया गया है।’’
उन्होंने कहा, “ इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री राज्य चलाने के योग्य नहीं रहे और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हम इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी की मांग करते हैं। यह आश्चर्यजनक है कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं।”
यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेता राष्ट्रगान के अपमान के मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?’
विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन को अपराह्न साढ़े तीन बजे तक के लिए फिर से स्थगित कर दिया गया।
बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री अपना पद छोड़ दें और हो सकता है कि अपने बेटे को बागडोर सौंप दें।
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने राबड़ी देवी से कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति का उल्लेख ‘असंसदीय’ है और इसलिए इसे कार्यवाही से हटा दिया जाना चाहिए।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधानपार्षद और प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपनी पार्टी के मुखिया की ओर से मोर्चा संभालने की कोशिश की और स्वतंत्रता सेनानियों के कल्याण के लिए कुमार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला।
हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राबड़ी देवी और उनके साथी विधान परिषद की सीढ़ियों पर बैठ गए और नारे लगाने तथा तख्तियां लहराने लगे।
बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने उक्त वायरल वीडियो के बारे में कहा कि यह देश का अपमान है और उन्हें सदन के भीतर सदन में आकर इसके लिए माफी मांगना चाहिए।
राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह, ने हाथ में कानून की किताब जैसी एक पुस्तक लिए आरोप लगाया, “यहां इस पृष्ठ पर, यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि राष्ट्रगान का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है और इसका अनादर करने पर जेल की सजा हो सकती है। यह मुख्यमंत्री द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता को दर्शाता है।” राजद के राज्य महासचिव रणविजय साहू द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री के पुतले जलाए जाएंगे।
इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से कहा, “नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति की गहन जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनकी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं, लेकिन जदयू के समर्थन की खातिर वे बिहार के साथ अन्याय कर रहे हैं।”
किशोर ने हाजीपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “दिवंगत भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नवंबर 2023 में कहा था कि नीतीश कुमार किसी तरह की गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं… इन बातों को छिपाया नहीं जा सकता। अगर मुख्यमंत्री सार्वजनिक समारोहों में भाग लेना जारी रखते हैं, तो मुझे ऐसी और भी शर्मनाक घटनाएं होने की आशंका है।”
भाषा अनवर जितेंद्र
जितेंद्र