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पटना, एक अक्टूबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। नेपाल की सीमा पर एक बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने 12 से अधिक जिलों में राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया।
कोसी और गंगा नदियां पिछले कुछ दिनों से उफान पर हैं, जिसके कारण इससे सटे इलाके जलमग्न हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित लोगों को भोजन के पैकेट, दवाइयां और पॉलीथीन शीट जैसी राहत सामग्री उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार निगरानी करते रहे।
उन्होंने कहा कि अभियंता पूरी तरह अलर्ट रहें और वरीय पदाधिकारी बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेते रहें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन विभाग राहत कार्य के लिए और किस तरह के संसाधनों की जरूरत है, इसका भी आकलन करता रहे।
उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने में कठिनाई हो रही है, उन क्षेत्रों में फूड पैकेट्स और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए वायुसेना की मदद ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां लोग शरण लिये हुए हैं, वहां पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायें। सामुदायिक रसोई में भोजन की समुचित व्यवस्था रखें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था रखें। पशु चारा के साथ-साथ पशुओं की इलाज की भी पूरी व्यवस्था रखें ।
जल संसाधन विभाग द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार गंडक कोसी, बागमती, महानन्दा और अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों के लगभग 10 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
गंगा नदी के किनारे बसे बिहार के 12 जिलों बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है और करीब 25 लाख लोग प्रभावित हैं।
इसके अलावा, अब तक पांच लोगों की जान भी जा चुकी है।
भाषा अनवर खारी
खारी
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