पटना, 23 नवंबर (भाषा) बिहार में विधानसभा उपचुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत को ‘चिंता का विषय’ करार देते हुए प्रशांत किशोर ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन दशकों से राज्य के दीर्घकालिक पिछड़ेपन को दूर करने में विफल रहा है।
किशोर ने विधानसभा की चार सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उनकी जन सुराज पार्टी को मिले 10 प्रतिशत मतों के कारण राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तीन सीट पर हार के आरोपों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘राजद 30 वर्ष पुरानी पार्टी है। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के बेटे तीसरे स्थान पर रहे। क्या इसके लिए जन सुराज को दोष दिया जा सकता है। बेलागंज में सभी मुस्लिम वोट जदयू उम्मीदवार को गए। इमामगंज में जन सुराज ने राजग के वोटों में सेंधमारी की नहीं तो जीतन मांझी (केंद्रीय मंत्री) की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की जीत का अंतर बड़ा होता।”
इमामगंज (आरक्षित) विधानसभा सीट पर मांझी की बहू दीपा ने राजद उम्मीदवार को 6,000 से भी कम वोटों से हराया जबकि जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान 37,000 से अधिक वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमेशा कहा है कि हमारी लड़ाई राजग से है। बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली राजद के साथ नहीं लेकिन नीतीश कुमार कोई बड़ा कारक नहीं रह गए हैं। उनकी पार्टी को लगभग 11 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं।’’
किशोर ने कहा, ‘‘हमने 10 प्रतिशत मत हासिल किए हालांकि कई सीट पर जन सुराज की कोई उपस्थिति नहीं थी क्योंकि इन क्षेत्रों को अभी तक पदयात्रा शुरू नहीं हुई है। इसके अलावा हमें नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद चुनाव चिह्न मिला, जिसकी वजह से घर-घर तक पहुंच नहीं बन पाई।”
उन्होंने यह भी कहा कि जन सुराज अगले वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले सभी 243 सीट पर चुनाव लड़ेगा।
भाषा अनवर जितेंद्र
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