पटना, 25 नवंबर (भाषा) बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर टिप्पणी करने के लिए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (एएम) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की सोमवार को आलोचना की।
मदनी ने एक दिन पहले यहां जमीयत द्वारा आयोजित ‘संविधान बचाओ और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन’ के दौरान मोदी और नीतीश पर तीखा प्रहार किया था।
मौलाना मदनी ने मुख्यमंत्री कुमार को लेकर कहा था कि अगर उनकी पार्टी जनता दल (यू) वक्फ विधेयक का विरोध नहीं करती है, तो वह मुसलमानों का समर्थन खो सकते हैं।
इस पर मदनी पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी अशोक चौधरी ने कहा, ‘हमें मदनी या किसी मौलवी, पंडित या शंकराचार्य की कोई चिंता नहीं है।’
चौधरी ने कहा, ‘हमारे नेता लोगों के लिए काम करते हैं और मुख्यमंत्री के रूप में अपने प्रदर्शन के आधार पर उनसे वोट मांगते हैं।”
उन्होंने कहा कि कुमार को अपने और जनता के बीच किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है।
जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य सरकार में मंत्री ने मदनी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मुख्यमंत्री का जमीयत के कार्यक्रम में शामिल न हो पाना वक्फ मुद्दे पर पार्टी के अस्पष्ट रुख को दर्शाता है।
चौधरी ने कहा, ‘हमारे नेता बिना किसी शर्त के अल्पसंख्यक संगठनों के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। हो सकता है कि वह पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण मदनी के कार्यक्रम में नहीं आए हों। मुझे यह भी संदेह है कि मदनी ने उन्हें उचित तरीके से निमंत्रण नहीं दिया हो।’
चौधरी ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ के ‘मुसलमान हमें वोट नहीं देते हैं’ वाले बयान का भी बचाव करते हुए कहा, ‘कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि नीतीश कुमार ने समुदाय के लिए किसी और से ज्यादा काम किया है।’
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि मुस्लिम मुख्यमंत्री भी अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति हमारे नेता की उदारता की बराबरी नहीं कर सकते। ललन ने सही कहा है कि जद(यू) को मुसलमानों का उचित समर्थन नहीं रहा है। इससे मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का ध्यान मदनी की टिप्पणी की ओर आकर्षित किये जाने पर उन्होंने इस्लामी विद्वान की तुलना एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से की और आरोप लगाया कि ‘वह नकारात्मकता से भरे हुए हैं। वह आलोचना तो कर सकते हैं, लेकिन कोई रचनात्मक सुझाव नहीं दे सकते।’
राज्य सरकार में मंत्री जायसवाल ने कहा, ‘हम नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के नारे में विश्वास करते हैं।”
वक्फ विधेयक पर पूछे गए सवाल का उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, ‘चाहे मंदिर हों या मस्जिद, इनका अस्तित्व राष्ट्र के कारण है। इसलिए इन्हें भी कुछ वापस देने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
भाषा अनवर नोमान
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