पटना : Slogans raised in front of the mosque in support of Atiq Ahmed : बिहार की राजधानी पटना में स्थित शहर की सबसे बड़ी मस्जिद के पास शुक्रवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तारीफ में नारे लगाए गए। अतीक और अशरफ को तीन हमलावरों ने प्रयागराज में पुलिस हिरासत में कैमरों के सामने गोली मार दी थी। जामा मस्जिद की प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मोहम्मद फैसल इमाम द्वारा जारी एक बयान को पटना जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इमाम और जिला प्रशासन, दोनों ही शनिवार को ईद के त्योहार से पहले लोगों को उग्र होने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
जुमे की नमाज के बाद नारेबाजी सुनकर भीड़ भरी मस्जिद की तरफ भागे इमाम ने पत्रकारों को बताया, ‘‘अतीक अहमद से जुड़ा मामला उत्तर प्रदेश का है। बिहार में नीतीश कुमार नीत सरकार ने बेहतरीन कानून-व्यवस्था बनाए रखी है।’’ यह मस्जिद पटना जंक्शन के ठीक सामने स्थित है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘घटना के सिलसिले में न तो हमने किसी को हिरासत में लिया है और न ही किसी को गिरफ्तार किया है। लेकिन हम स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर संभव एहतियाती कदम उठा रहे हैं।’’
Slogans raised in front of the mosque in support of Atiq Ahmed : मस्जिद पर आज सामान्य से बहुत ज्यादा भीड़ थी, लेकिन यह अजीब बात नहीं है, क्योंकि आज रमजान के महीने का अंतिम जुमा था। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में भीड़ के एक हिस्से को मारे गए माफिया की तारीफ करते हुए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए नारे लगाते सुना जा सकता है। भाजपा ने नारेबाजी के लिए सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार की ‘मुसलमानों के तुष्टिकरण की नीति’’ को जिम्मेदार ठहराया। महागठबंधन में जदयू, राजग, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं।
राज्य में भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘शहर के बीचों-बीच अतीक जैसे अपराधी को शहीद बताते हुए नारेबाजी की गई। यह घोर प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है। यह दिखाता है कि नीतीश कुमार अवसर मिलने पर राजद, कांग्रेस और वाम दलों की मदद से बिहार को पाकिस्तान में बदलने से नहीं चुकेंगे, जहां पीएफआई का समर्थन करने वाले शासन करेंगे और तालिबान कानून लागू करेंगे।’’ इस बीच, भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने आरोप लगाया कि भाजपा अतीक अहमद का मुद्दा इसलिए उठा रही है, क्योंकि वह ‘‘एक विशेष समुदाय’ से ताल्लुक रखता था।