लोकसभा अध्यक्ष ने विधायी निकायों की कम बैठकों पर चिंता जतायी

लोकसभा अध्यक्ष ने विधायी निकायों की कम बैठकों पर चिंता जतायी

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  • Publish Date - January 20, 2025 / 04:27 PM IST,
    Updated On - January 20, 2025 / 04:27 PM IST

पटना, 20 जनवरी (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को विधायी निकायों की बैठकों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की और पीठासीन अधिकारियों से इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।

बिरला ने पटना में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) के उद्घाटन समारोह में यह टिप्पणी उन खबरों के बीच की जिनमें कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा ने अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में केवल 74 बैठकें आयोजित कीं।

‘पीआरएस लेजिस्लेटिव’ के एक अध्ययन के अनुसार, निवर्तमान दिल्ली विधानसभा, जिसने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान 74 बैठकें कीं, यानी साल में औसतन 15 दिन सदन की बैठक हुई। इसके अलावा जिन दिनों इसकी बैठक हुई, उन दिनों विधानसभा औसतन तीन घंटे ही संचालित हुई। सदन ने अपने कार्यकाल के दौरान केवल 14 विधेयक पारित किए, जो किसी भी पिछली पूर्ण-अवधि वाली विधानसभा की तुलना में सबसे कम संख्या है।

लोकसभा अध्यक्ष ने संसद और राज्य विधानसभाओं में सुनियोजित व्यवधानों को भी रेखांकित किया और राजनीतिक दलों से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का आग्रह किया।

बिरला ने निर्वाचित सरकारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए संसदीय स्थायी समितियों की भूमिका बढ़ाने का भी समर्थन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थायी समितियां ‘मिनी-संसद’ हैं और उनके कामकाज को मजबूत करने की जरूरत है।’’ 85वें एआईपीओसी में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और देशभर के राज्य विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार सुबह राजभवन में बिरला से मुलाकात की, लेकिन वह अपनी प्रगति यात्रा के कारण सम्मेलन में आज शामिल नहीं हो पाए। यह सम्मेलन कल तक जारी रहेगा।

भाषा अनवर संतोष

संतोष