बिहार विधानसभा उपचुनाव : प्रचार के आखिरी दिन लालू ने रैली को संबोधित किया

बिहार विधानसभा उपचुनाव : प्रचार के आखिरी दिन लालू ने रैली को संबोधित किया

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  • Publish Date - November 11, 2024 / 08:59 PM IST,
    Updated On - November 11, 2024 / 08:59 PM IST

पटना, 11 नवंबर (भाषा) खराब सेहत की वजह से लंबे समय से सार्वजनिक सभाओं से दूर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार के आखिरी दिन बेलागंज में एक विशाल रैली को संबोधित किया।

इस दौरान, लालू ने लोगों से ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को ठीक उसी तरह से उखाड़ देने का आह्वान किया, जैसे वे अपने खेतों में मूली उखाड़ते हैं।’

अपनी हाजिरजवाबी के लिए मशहूर लालू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा।

उन्होंने लोगों से बेलागंज में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार विश्वनाथ कुमार सिंह के पक्ष में मतदान करने की अपील की। विश्वनाथ जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे हैं, जो लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले बिहार विधानसभा में कई बार बेलागंज का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

हालांकि, राजद प्रत्याशी का मुकाबला मुख्यत: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) उम्मीदवार एवं पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी से माना जा रहा है, लेकिन पार्टी प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज के चुनाव मैदान में उतरने से परेशान नजर आ रही है, जिसने बेलागंज में मोहम्मद अमजद पर भरोसा जताया है।

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बेलागंज में रोड शो करने वाले प्रशांत किशोर ने राजद पर ‘मुस्लिम उम्मीदवार की हार सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने’ का आरोप लगाया।

मालूम हो कि राजद के मुख्य वोट बैंक में यादवों के अलावा मुस्लिम मतदाता शामिल हैं।

प्रशांत किशोर ने दावा किया, ‘लालू प्रसाद, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी बेटी को छोड़कर किसी भी उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं किया, उनका विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करना राजद की हताशा को दर्शाता है।’

उनका इशारा लालू की सिंगापुर निवासी बेटी रोहिणी आचार्य की तरफ था, जिन्होंने सारण से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत दर्ज करने में नाकाम रही थीं। वहीं, राजद सुप्रीमो की बड़ी बेटी मीसा भारती ने पाटलीपुत्र लोकसभा क्षेत्र में अपने पिता के पूर्व सहयोगी राम कृपाल यादव को हराने में सफल रही।

बेलागंज के अलावा राजद रामगढ़ सीट को भी बरकरार रखने की कोशिशों में जुटी है, जबकि वह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी नीत हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से इमामगंज सीट छीनना चाहती है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने इमामगंज में मांझी की बहू दीपा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

इमामगंज में राजद ने रोशन मांझी को दीपा के खिलाफ मैदान में उतारा है। वहीं, रामगढ़ में पार्टी ने अजित कुमार सिंह को टिकट दिया है। अजित बक्सर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद रामगढ़ के विधायक पद से इस्तीफा देने वाले सुधाकर सिंह के भाई हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह को रामगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया है।

तरारी में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की घटक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन को उम्मीद है कि उसके उम्मीदवार राजू यादव दो बार विधायक रह चुके सुदामा प्रसाद द्वारा खाली की गई इस सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखने में सफल रहेंगे। सुदामा प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में आरा सीट पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को शिकस्त दी थी।

तरारी में यादव का मुकाबला मुख्यत: भाजपा उम्मीदवार विशाल प्रशांत से है, जो स्थानीय नेता सुनील कुमार पांडे के बेटे हैं, जिन्होंने कई बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। जन सुराज ने तरारी में पहले सेना के पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, उनका नाम राज्य की मतदाता सूची में न होने के कारण पार्टी ने उनकी जगह स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा की।

विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी भी उम्मीदवार का नाम राज्य की मतदाता सूची में होना अनिवार्य है।

रामगढ़ में जन सुराज ने उभरते स्थानीय नेता सुशील कुशवाहा पर भरोसा जताया है, जो पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जुड़े हुए थे। इमामगंज में पार्टी ने चिकित्सक से नेता बने जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है।

प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी की स्थापना लगभग एक महीने पहले की थी। निर्वाचन आयोग ने पार्टी को ‘स्कूली बस्ता’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया है।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश