पटना। Bihar Political Crisis : बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने किशनगंज और अररिया जिलों में खतरनाक रूप से उच्च जनसंख्या वृद्धि दर के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के दावों का खंडन करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि धर्म एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा को आधार बनाकर उनकी पार्टी कुप्रचार कर रही है।
जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता व विधानपार्षद नीरज कुमार और पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरोप लगाया, ‘‘अपनी राजनीतिक हित साधने के लिए जायसवाल और भाजपा के अन्य नेता राज्य में सांप्रदायिक नफरत भड़काने में लगे हुए हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता गृहमंत्री अमित शाह के 24 सितंबर को होने वाले पूर्णिया और किशनगंज जिलों के दौरे को लेकर यह सब कर रहे हैं।
शाह के इस दौरे को लेकर जदयू आशंकित है कि इसमें सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की जा सकती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जदयू ने कहा, ‘‘जायसवाल इन दो जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। भारत के कई अन्य जिलों में जनसंख्या वृद्धि दर अररिया और किशनगंज की तुलना में बहुत अधिक है।’’
उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को दावा किया था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की कथित उच्च दर के कारण आंशिक रूप से किशनगंज और अररिया में जनसंख्या वृद्धि दर ‘‘दुनिया में सबसे अधिक’’ है। उन्होंने दावा किया था कि इन दो जिलों में जनसंख्या वृद्धि की दर केवल ‘‘पाकिस्तान के जनजातीय क्षेत्रों और इथियोपिया के कुछ हिस्सों’’ से मेल खाती है।
2011 की जनगणना के अनुसार किशनगंज में 67 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी जो बिहार के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है। इसके बाद उसका पड़ोसी जिला अररिया है जहां यह 43 प्रतिशत था।
जदयू के इन नेताओं ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश का श्रास्वस्ती जिला, अरुणाचल प्रदेश का कुरुंग कुमे जिला और पुडुचेरी का यानम जिला समेत हिंदुस्तान में दर्जनों ऐसे जिले हैं जहाँ की जनसंख्या वृद्धि दर किशनगंज और अररिया दोनों से कहीं अधिक है।