पूर्णिया, 13 जुलाई (भाषा) बिहार के पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट पर शनिवार को हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने प्रदेश में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कलाधर प्रसाद मंडल को 8246 मतों से हराया।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर साझा की गई नवीनतम जानकारी के अनुसार, तेरहवें और अंतिम दौर की मतगणना में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को 68070 मत हासिल हुए जबकि जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल को 59824 मत प्राप्त हुए ।
इन चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी बीमा भारती 30619 मत प्राप्त करके तीसरे स्थान पर रहीं । रूपौली विधानसभा सीट पूर्णिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है।
रूपौली विधानसभा सीट के उपचुनाव के तहत बुधवार को संपन्न मतदान के दौरान तीन लाख से अधिक मतदाताओं में से 52.75 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
रूपौली से तीन बार विधायक रहीं बीमा भारती कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू छोड़कर राजद में शामिल हो गई थीं। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराया गया ।
भारती ने राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से चुनाव हार गई थीं।
रूपौली उपचुनाव में भारती एक बार फिर से राजद के उम्मीदवार के तौर पर अपना भाग्य आजमा रही थीं।
रूपौली विधानसभा सीट उपचुनाव में वैसे तो कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे पर मुख्य रूप से मुकाबला सत्तारूढ़ गठबंधन राजग में शामिल जदयू के उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल राजद उम्मीदवार बीमा भारती तथा निर्दलीय प्रत्याशी एवं 2020 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे पूर्व विधायक शंकर सिंह के बीच था।
बिहार की मंत्री रह चुकी बीमा भारती को इस उपचुनाव में 18 प्रतिशत वोट मिला और जमानत जब्त होने से बाल-बाल बच गईं।
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जद(यू) में शामिल हुए कलाधर प्रसाद मंडल ने सिंह को कड़ा संघर्ष दिया और पहले छह राउंड में वह आगे चल रहे थे, लेकिन बाद में वे पिछड गए ।
राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक परिणाम है। दो ओबीसी उम्मीदवार हार गए हैं। भाजपा के एजेंडे पर काम करने वाले सफल हुए हैं। पिछड़े वर्गों को आत्ममंथन करना चाहिए।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विजयी निर्दलीय प्रत्याशी पहले राजग में ही थे। उपचुनाव के नतीजे इस बात का सबूत हैं कि लोग राजद और उसका समर्थन करने वाले बड़बोले स्थानीय सांसद (पप्पू यादव) से तंग आ चुके हैं।
रूपौली सीट पर हुए उपचुनाव में अपना भाग्य आजमाने के लिए शंकर सिंह ने पिछले महीने राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) छोड़ दी थी।
इस उपचुनाव में मंडल के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चिराग पासवान सहित राजग के अन्य नेताओं ने प्रचार किया था । 1990 के दशक में एक उच्च जाति मिलिशिया उत्तरी बिहार लिबरेशन आर्मी के साथ जुड़ाव के कारण सुर्खियों में आये सिंह राजपूत समाज से आते हैं और ऐसी संभावना जतायी जा रही थी उन्हें इस उपचुनाव में जदयू और राजद के बीच ओबीसी वोटों के विभाजन से फायदा होगा ।
सिंह ने 2005 के विधानसभा चुनाव में पासवान के दिवंगत पिता राम विलास पासवान की अध्यक्षता वाली लोकजनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे ।
हालांकि सिंह को विधानसभा में प्रवेश करने का मौका नहीं मिला था, और तत्कालीन राज्यपाल बूटा सिंह ने इसे भंग कर दिया था । कुछ महीने बाद हुए चुनाव में वह राजद के टिकट पर चुनाव लड़ी बीमा भारती से मामूली अंतर से हार गए थे ।
बिहार में जदयू की सरकार बनने के बाद भारती ने पाला बदलते हुए 2010 में इसी दल के टिकट पर चुनाव लडा था।
सिंह की पत्नी प्रतिमा जिला परिषद के लिए चुनी गईं हैं। मतदान के दिन दंपती एक मतदान केंद्र पर मतदान को प्रभावित करने की कोशिश करने का प्रशासन पर आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए थे, जहां स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प में दो कर्मी घायल हो गए थे।
पिछले महीने लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट पर अपनी जमानत खो देने वाली भारती के लिए यह हार एक बड़ा झटका है, वहीं आम चुनाव में प्रदेश की 40 में से 30 सीट जीतने वाले सत्ताधारी राजग के लिए भी यह परिणाम चौंकाने वाला है।
भाषा अनवर रंजन
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