पटना: बिहार के विभिन्न जिलों में भीषण गर्मी के कारण कई विद्यार्थियों के बुधवार को बेहोश होने के बीच सरकार ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों को आठ जून तक बंद करने का आदेश दिया। बिहार के शेखपुरा और बेगुसराय जिलों में भीषण गर्मी के कारण सरकारी स्कूलों के कई विद्यार्थी बुधवार को बेहोश हो गए । बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भीषण गर्मी और भयंकर लू की चपेट से राज्य में आपदा की स्थिति बन रही है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया है कि आवश्यकतानुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुये स्कूलों को बंद करने के संबंध में समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया है कि वे आपदा प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अन्य आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
बिहार में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान मंगलवार को औरंगाबाद जिले में दर्ज किया गया जो 47.7 डिग्री सेल्सियस था। बिहार भीषण गर्मी की चपेट में है और राज्य के कई स्थानों पर बुधवार को दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। शेखपुरा जिले के मनकौल मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश प्रसाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘बुधवार को अत्यधिक गर्मी की स्थिति के कारण जब प्रार्थना सभा चल रही थी, तब लगभग 6-7 छात्र बेहोश हो गए। हमने प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने की कोशिश की। छात्रों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।’’
कक्षा में छात्र-छात्राओं के बेहोश होने की घटनाएं बेगूसराय और मोतिहारी से भी सामने आईं हैं । इस बीच बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव तथा सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीषण गर्मी के साथ लू के प्रकोप में बिहार राज्य के अधिकांश जिले हैं तथा गया, औरंगाबाद, कैमूर में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है और यही स्थिति कमोबेश अन्य सभी जिलों की भी है।
पत्र में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रतिनिधि के द्वारा यह अनुमान बताया गया है कि ऐसी स्थिति आठ जून तक बने रहने की संभावना है। पत्र के में कहा गया है, “इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय (कोचिंग संस्थान सहित) एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 30 मई से आठ जून तक शिक्षण कार्य बन्द रखा जाए ताकि भीषण गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सके ।” इससे पूर्व स्कूली छात्रों के बेहोश होने की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और स्कूली बच्चों को लू की स्थिति से बचाने के लिए तत्काल निवारक कदम उठाए जाने चाहिए। दिन का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस को छू रहा है, लेकिन स्कूल खुले हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं कर रहे हैं? मुख्यमंत्री इतने कमजोर क्यों हो गए? राज्य में नौकरशाहों द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इस पर अवश्य गौर करना चाहिए… यह स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर मामला है।’’
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