वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार में बाढ़ की चेतावनी, 13 जिले प्रभावित

वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार में बाढ़ की चेतावनी, 13 जिले प्रभावित

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  • Publish Date - September 29, 2024 / 12:04 AM IST,
    Updated On - September 29, 2024 / 12:04 AM IST

(तस्वीरों के साथ)

पटना, 28 सितंबर (भाषा) बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराजों से पानी छोड़े जाने और लगातार जारी बारिश के मद्देनजर राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों के किनारे बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने एक बयान में कहा, ‘‘नेपाल में भारी बारिश के कारण, गंडक, कोसी, महानंदा आदि नदियों में पानी का बहाव शनिवार को काफी बढ़ गया है।’’

इससे 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद बाढ़ से प्रभावित हैं।

राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से शाम सात बजे तक कुल 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। पिछली बार इस बैराज से सबसे अधिक 7.88 लाख क्यूसेक पानी 1968 में छोड़ा गया था।

इसी तरह वाल्मीकिनगर बैराज से शाम सात बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद यह इस बैराज से छोड़ा गया सबसे अधिक पानी है।

उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है। जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की 24 घंटे निगरानी कर रही हैं…ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके।

अधिकारी ने बताया कि विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यकारी अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनिष्ठ अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं और वे सतर्क हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद राज्य भर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘‘नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।’’

उन्होंने बताया कि नेपाल ने शनिवार शाम सात बजे तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक पानी और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा।

अधिकारियों ने बताया कि इन दो बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है।

बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है और राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और पूर्वानुमान के मद्देनजर निवारक उपाय करने को कहा है।

अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

राज्य के विभिन्न इलाकों में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक 780.3 मिमी बारिश हुई।

उत्तर बिहार के किसान अप्रत्याशित बाढ़ के प्रभाव से जूझ रहे हैं, जिसने धान, मखाना और सब्जियों सहित हजारों एकड़ में खड़ी खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बाढ़ से सबौर (भागलपुर) में बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 1.05 एकड़ क्षेत्र में तैयार किए जा रहे बीजों को नुकसान पहुंचा है। वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए अगले सत्र के लिए विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार किए जा रहे थे।

विश्वविद्यालय के कुलपति डी.आर. सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह से नष्ट हो गया है।

इस बीच, एम्स पटना के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए जेपी सेतु के पास राज्य की राजधानी पटना में एक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया गया।

कुमार ने बताया कि शिविर में अनुभवी चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम मौजूद थी।

भाषा अनवर

धीरज

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