पटना कलेक्ट्रेट भवन के ध्वस्त किये गये डच युग के आठ स्तंभ नए परिसर में प्रदर्शित किए गए

पटना कलेक्ट्रेट भवन के ध्वस्त किये गये डच युग के आठ स्तंभ नए परिसर में प्रदर्शित किए गए

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 04:39 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 04:39 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

(कुणाल दत्त)

पटना, 11 दिसंबर (भाषा) पुराने पटना कलेक्ट्रेट के डच युगीन रिकॉर्ड रूम के ध्वस्त किये जा चुके आठ भव्य टस्कन स्तंभों को नये परिसर में प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया गया है। ये ऐतिहासिक स्तंभ पुराने भवन में रिकॉर्ड रूम के अग्रभाग की शोभा बढ़ाते थे।

पटना कलेक्ट्रेट के नये भवन का मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया।

नये परिसर में टस्कन स्तंभ की स्थापना से इस ऐतिहासिक स्थल को बचाने के लिए छह साल तक लड़ाई लड़ने वाले विरासत प्रेमियों को भी राहत मिली है। 2022 में पुनर्विकास परियोजना के तहत पुराने भवन को ध्वस्त किए जाने से विरासत प्रेमियों को झटका लगा था।

ऐतिहासिक रिकॉर्ड रूम 300 वर्ष से अधिक पुराना एक भव्य भवन था। यह पटना में गंगा नदी के तट पर उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित था जिसमें ऊंची छतें, विशाल दरवाजे और शानदार रोशनदान थे।

यह पुराने कलेक्ट्रेट के 12 एकड़ के परिसर में सबसे पुरानी संरचना भी थी, जिसमें ब्रिटिश और डच युग की इमारतों और स्वतंत्रता के बाद की संरचनाओं का एक समूह शामिल था। इन्हें मई 2022 से चरणबद्ध तरीके से ध्वस्त किया गया।

नीतीश कुमार सरकार ने 2016 में पटना कलेक्ट्रेट को ध्वस्त करके वहां एक नये भवन बनाने का प्रस्ताव रखा। ऐतिहासिक पुराने भवन को ध्वस्त किये जाने को लेकर देशभर के विरासत प्रेमियों में आक्रोश व्याप्त हो गया था।

दिल्ली स्थित विरासत निकाय आइएनटीएसीएच ने 2019 में इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय का रुख किया और अंततः 2020 में इसे उच्चतम न्यायालय में उठाया और बिहार के अधिकारियों को एक अलग स्थान पर नया कलेक्ट्रेट बनाने का सुझाव दिया।

हालांकि अदालत ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन उच्च न्यायालय ने पुराने कलेक्ट्रेट के अलंकृत स्तंभों के संरक्षण का निर्देश दिया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘पुरानी इमारतों की जगह नये भवनों से युक्त परिसर का निर्माण किया गया है, लेकिन हमने रिकॉर्ड रूम के अग्रभाग के आठ स्तभों को सुरक्षित रखा है। पुनर्विकास परियोजना के लिए ध्वस्तीकरण कार्य के दौरान इन स्तंभों को हटाना इंजीनियरिंग के लिहाज से बड़ी चुनौती थी। इन स्तंभों को को सुरक्षित निकालने में बहुत समय, योजना और कौशल का इस्तेमाल किया गया।।’

उन्होंने कहा कि इन स्तंभों को अब हरित क्षेत्र के सामने एक समर्पित ‘प्लाजा’ में प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है ताकि लोग आधुनिक संरचनाओं के साथ-साथ ‘अतीत के इस हिस्से’ को भी देख सकें।

आठ स्तंभों को दो भूमिगत पार्किंग स्थलों के निकट स्थापित किया गया है, जहां पहले डच युग का रिकॉर्ड रूम स्थित था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पिछले ढाई साल में निर्मित बहुमंजिला आधुनिक पटना कलेक्ट्रेट परिसर का उद्घाटन किया। नए परिसर में एक ही छत के नीचे 39 प्रशासनिक विभागों के कार्यालय हैं।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश