चिराग पासवान और मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते: चिराग

चिराग पासवान और मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते: चिराग

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  • Publish Date - August 30, 2024 / 05:29 PM IST,
    Updated On - August 30, 2024 / 05:29 PM IST

पटना, 30 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच दरार की अफवाहों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी अलग हो ही नहीं सकते, क्योंकि ‘मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है।’

उन्होंने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार के दौरान वक्फ बोर्ड बिल, एवं नौकरशाही में ‘लैटरल एंट्री, क्रीमी लेयर और अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण जैसे मुद्दों पर उनके रुख से शुरू हुई अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ जब मैं राजग का हिस्सा नहीं भी था तब भी मैं भाजपा और प्रधानमंत्री जी के विरोध में नहीं था। आज साथ में रहकर विरोध करने की सोच मेरी जेहन में कहीं से नहीं आ सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस बात को कतई नहीं भूलना चाहिए कि मेरा समर्पण मेरे प्रधानमंत्री के प्रति है। किस हद तक है, आप सभी ने उसे उस समय भी अनुभव किया होगा जब मैं अपने जीवन के सभी सबसे कठिन दौर से गुजर रहा था। तब भी मेरा विश्वास मेरे प्रधानमंत्री पर था और जितना स्नेह प्रधानमंत्री से मुझे मिला है, उसे आप लोगों ने हाजीपुर की सभा में उनके भाषण को सुना होगा ।

चिराग पासवान ने कहा, ‘‘ इस बात को कहने में मुझे कभी कोई एतराज नहीं है कि जब तक मेरे प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी हैं, तबतक चिराग पासवान और प्रधानमंत्री दोंनो कभी अलग हो ही नहीं सकते। मेरा यह समर्पण मेरे प्रधानमंत्री जी के प्रति है।’’

उन्होंने कहा कि वास्तव में उनके विचार हमेशा सरकार के रुख को दर्शाते हैं जिसका एक उदाहरण वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजना है।

दरअसल ऐसी अफवाह है कि मोदी का ‘‘हनुमान’’ होने का दावा कर चुके चिराग पासवान ने भाजपा के संख्या बल में गिरावट (लोकसभा में बहुमत से दूर रहने और सत्ता में बने रहने के लिए सहयोगियों पर उसकी निर्भरता) की पृष्ठभूमि में अपनी ताकत दिखाना शुरू कर दिया।

इन अफवाहों को खारिज करते हुए चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी झारखंड जैसे राज्यों में राजग सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने के खिलाफ नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वास्तव में, हमारी पार्टी का बिहार और केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन है। लेकिन झारखंड जैसे राज्यों में हमारा कोई गठबंधन नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम वहां भाजपा के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। अगर भाजपा और अन्य राजग सहयोगी हमें साथ लेना चाहती हैं, तो हम तैयार हैं।’’

उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई बैठक के बाद लगायी जा रही अटकलों को भी खारिज करते हुए कहा कि उनके पास जनाधार ही कहां है, वह लोकसभा चुनाव से पहले भी सभी लोगों से मिल रहे थे लेकिन वह अभ्यास भी बेकार साबित हुआ था।

अभिनेता से नेता बने 41 वर्षीय चिराग पासवान से भाजपा सांसद कंगना रनौत के बारे में हालिया चर्चाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह और कंगना ‘‘पुराने दोस्त’’ हैं ।

रनौत ने हाल में एक साक्षात्कार आरोप लगाया था कि जिस स्थान पर किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहां लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया था।

इस संबंध में चिराग ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भाजपा द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद कि यह उनका व्यक्तिगत विचार था, जिससे पार्टी सहमत नहीं है, इस मामले को बंद कर देना चाहिए था।’’

हालांकि, पंजाब के नेता सिमरन सिमरनजीत सिंह मान के तंज पर चिराग पासवान ने नाराजगी जतायी और इसे शर्मनाक बताया ।

चिराग पासवान ने कहा, ‘‘हम ऐसे अपराध को कमतर नहीं आंक सकते, जिसमें पीड़िता को शारीरिक और मानसिक तौर पर गहरा आघात पहुंचता हो। विशेषकर ऐसे समय में, जब कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, जिस पर सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकारी राष्ट्रपति ने कड़ी टिप्पणी की है।’’

मान ने कंगना रनौत के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

भाषा अनवर पवनेश राजकुमार

राजकुमार