चिराग को उम्मीद है कि उन्हें अपने पिता की पार्टी का चुनाव चिह्न वापस मिल जाएगा

चिराग को उम्मीद है कि उन्हें अपने पिता की पार्टी का चुनाव चिह्न वापस मिल जाएगा

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 09:39 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 09:39 PM IST

पटना, 28 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि निर्वाचन आयोग उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान द्वारा गठित लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चुनाव चिह्न पर दावा करने वाली उनकी याचिका पर उनके हक में फैसला देगा।

चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस के बागी तेवर अपनाए जाने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद केंद्रीय मंत्री के गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से मान्यता दी गयी थी।

चिराग अपनी पुरानी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि बिहार सरकार ने मेरी पार्टी को वही भवन आवंटित किया है, जहां से मेरे पिता काम करते थे। यही कारण है कि हमने इस दिन को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मनाने की पूर्व योजना को छोड़ने का फैसला किया। अब हम वहां अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक रैली आयोजित करेंगे।’’

पासवान ने कहा, ‘‘वर्षों तक लोजपा का कार्यालय रहे परिसर में समारोह आयोजित करना हमारे लिए बहुत महत्व रखता है। हालांकि हमें एहसास है कि यह स्थायी व्यवस्था नहीं हो सकती है। भवन भविष्य में किसी और को आवंटित किया जा सकता है।’’

एक प्रश्न का उत्तर देते हुए चिराग ने दोनों के बीच संबंधों में खटास आने के लिए स्पष्ट रूप से पारस को दोषी ठहराया और कहा, ‘‘वह यहां तक कह चुके हैं कि मेरी रगों में जो खून बहता है, वह उनके खून से अलग है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उन्होंने सुलह की गुंजाइश छोड़ी है।’’

हाजीपुर के सांसद से पूछा गया कि क्या अपने विरोधियों से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद, अब वह लोजपा के पुराने चुनाव चिह्न, ‘‘बंगला’’ को वापस पाने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसे निर्वाचन आयोग ने उनके चाचा और उनके प्रतिस्पर्धी दावों के बाद जब्त कर लिया था।

इस पर चिराग ने जवाब दिया, ‘‘यह निर्वाचन आयोग को तय करना है। लेकिन मुझे विश्वास है कि वह दिन दूर नहीं जब हमें न केवल चुनाव चिह्न बल्कि पार्टी का मूल नाम भी वापस मिलेगा।’’

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड की चतरा विधानसभा सीट पर उनकी पार्टी की जीत ‘‘मेरे पिता के सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम है ।” लोजपा की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि एक समय मैं भी चाहता था कि मेरे पिता प्रधानमंत्री बनें। लेकिन मैंने हमेशा जमीनी स्तर पर ध्यान दिया है। यही कारण है कि मैं हमेशा नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी वफादारी में अडिग रहा हूं, जिन्हें मैं 2029 में लगातार चौथी बार समर्थन देना चाहूंगा।’’

समारोह में जनता दल (यू) के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों ने भाग लिया।

चिराग ने कहा, ‘‘यह राजग के एकजुट होने का सबूत है, जैसा कि हाल में बिहार विधानसभा की चार सीट के लिए संपन्न उपचुनावों में स्पष्ट दिखा था जिसमें हमने जीत हासिल की है और 2025 में जब हम लोगों से राजग के पक्ष में जनादेश मांगेंगे तो यह फिर से सभी को यह देखने को मिलेगा।’’

भाषा अनवर

नोमान

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