(तस्वीर सहित)
बक्सर, 12 अक्टूबर (भाषा) रेलवे ने दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे बुधवार रात को बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर स्टेशन के पास पटरी से उतरने के मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश बृहस्पतिवार को दिए।
इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली से असम जा रही ट्रेन के 23 डिब्बे बुधवार रात नौ बजकर 53 मिनट पर पटरी से उतर गए।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बीरेन्द्र कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘ घटना के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।’’ उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए चार – चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मरने वाले चार लोगों में से एक बिहार का था जबकि बाकी दूसरे राज्यों के थे। उन्होंने कहा ‘‘यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमने दुर्घटना में मारे गए सभी चार लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है। इसके अलावा, राज्य सरकार सभी घायल यात्रियों को सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल भी प्रदान कर रही है जिन्हें राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और वे सभी संबंधित एजेंसियों के संपर्क में हैं।’’
पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने पीटीआई की वीडियो सेवा को बताया कि प्राथमिकता पटरियों को खाली कराने की है। वह मार्ग बहाली के लिए किए जा रहे कार्यों की निगरानी के लिए रघुनाथपुर में हैं।
प्रकाश ने बताया, ‘‘मृतकों की संख्या चार है और 40 यात्री घायल हुए हैं। उचित जांच के बाद ही डिब्बों के पटरी से उतरने के कारणों के बारे में पता चल पाएगा। फिलहाल हमारी प्राथमिकता पटरी को खाली कराना है। जब तक सामान्य यातायात बहाल नहीं हो जाता, ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित रहेगा।’’
इससे पहले रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के एक अधिकारी ने कहा था कि दुर्घटना में कम से कम 70 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
ईसीआर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पांच घायलों की हालत गंभीर है वहीं 25 को मामूली चोंटे आई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि असम में गुवाहाटी के समीप कामाख्या जाने वाली ट्रेन के उन सभी यात्रियों को बृहस्पतिवार तड़के एक राहत ट्रेन से रवाना किया गया, जो आगे की यात्रा करने की स्थिति में थे।
पटरियों को साफ करने के लिए क्रेन और धातु काटने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस हादसे में ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए हैं, और कुछ पलट भी गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर घायलों का इलाज बक्सर शहर और आरा के अस्पतालों में किया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल 10 यात्रियों को पटना के एम्स ले जाया गया है।
पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर गोपाल के पाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ दस घायलों को पटना एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। इनमें से छह को मामूली चोटें आई हैं। ’’ उन्होंने बताया कि चार अन्य लोगों के शरीर के विभिन्न हिस्से की हड्डी टूट गई है।
उन्होंने बताया, ‘‘ इनमें से किसी को भी वेंटिलेटर पर रखे जाने की जरूरत नहीं है। किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। जिन चार लोगों की हड्डी टूटी है उनका उपचार किया जा रहा है।’’
बक्सर से सांसद केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एम्स के निदेशक के साथ बातचीत की।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ हम ट्रेन के पटरी से उतरने के कारणों का पता लगाएंगे।’’ उन्होंने घटना में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मंत्री ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और सभी डिब्बों की जांच कर ली गई है।
23 कोच वाली 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस बुधवार को सुबह सात बजकर 40 मिनट पर दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से रवाना हुई थी और इसे करीब 33 घंटे की यात्रा के बाद कामाख्या पहुंचना था।
अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना के कारण बिजली के तार, खंभे और पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 21 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है।
इसे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बयान जारी कर कहा था कि आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक लोगों को जल्द से जल्द राहत सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा गया है।
उन्होंने बयान में कहा, ‘‘मैंने बक्सर और भोजपुर के जिलाधिकारियों से भी बात की है और उन्हें शीघ्र घटनास्थल पर पहुंचने और राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।’’
यादव ने कहा, ‘‘अनुमंडलीय अस्पताल जगदीशपुर और शाहपुर अस्पताल, जिला भोजपुर में चिकित्सा अधिकारी और अन्य स्वास्थ्य कर्मी बचाव एवं राहत कार्यों के लिए तैयार हैं। रोहतास, बक्सर और भोजपुर जिलों से एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया है।’’
भाषा मनीषा नरेश
नरेश