पटना, तीन जनवरी (भाषा) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द करने की मांग को लेकर जन स्वराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का गांधी मैदान में आमरण अनशन शुक्रवार को भी जारी रहने के साथ निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने रेल यातायात बाधित किया और वामपंथी छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया।
बीपीएससी की 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा का कथित तौर पर पेपर लीक होने पर इस परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले दो सप्ताह से पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शनकारियों द्वारा धरना प्रदर्शन जारी है।
इस बीच आयोग के बापू परीक्षा केंद्र में इस परीक्षा में शामिल हुए 10000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराए जाने में अब 24 घंटे से भी कम समय बचा है, ऐसे में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ पटना के कई हिस्सों के साथ-साथ अररिया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर आदि सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेल और सड़क यातायात को अवरुद्ध कर दिया।
पुलिस ने बताया कि यादव के समर्थकों ने हाल ही में आयोजित बीपीएससी की परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेल रोको अभियान चलाया।
एक अधिकारी ने बताया कि वे सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और कुछ समय के लिए पटरियों पर बैठ गए, जिससे ट्रेन की आवाजाही में देरी हुई।
यादव के समर्थकों ने पूर्णिया और पटना में सड़कों पर टायर जलाए और यातायात को भी बाधित किया।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने बक्सर-फतुहा पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन 20 मिनट तक रुकी रही और उसके बाद स्टेशन से रवाना हुई।’
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए यादव ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से लेकर प्रदेश में हर स्तर पर छात्रों के मुद्दे का हल निकाले जाने का प्रयास किया पर सरकार सुनने को तैयार नहीं है। अब वह इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
पटना शहर के गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने एक दिन पहले शुरू किये गये अपने आमरण अनशन को शुक्रवार को भी जारी रखा, जबकि यादव ने उनकी तुलना मशहूर ठग ‘नटवर लाल’ से की।
किशोर के आमरण अनशन के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ‘वह ‘नटवर लाल’ है। दोपहर का खाना खाने के बाद शाम को कौन आमरण अनशन पर बैठता है? कृपया, उनके बारे में बात न करें।’
यादव ने अपने समर्थकों के साथ सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन से जेपी गोलंबर तक मार्च भी निकाला, जहां पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए यादव ने कहा, ‘हमें पता है कि सरकार हमारी बात तुरंत नहीं सुनेगी। आखिरकार, प्रश्नपत्र उच्च और शक्तिशाली लोगों की मिलीभगत से लीक होते हैं। लेकिन हमें हाल के किसान आंदोलन से प्रेरणा लेनी चाहिए और लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।’
बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में बृहस्पतिवार से आमरण अनशन पर बैठे किशोर ने पत्रकारों से कहा कि उनका अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार छात्रों की मांग पर विचार नहीं करती।
किशोर ने तीन दिन पहले नीतीश कुमार सरकार को नाराज उम्मीदवारों की मांग पर कार्रवाई करने के लिए ’48 घंटे का अल्टीमेटम’ दिया था।
हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने गांधी मैदान में किशोर के आमरण अनशन को नियम विरुद्ध बताते हुए जन सुराज के संस्थापक और उनके समर्थकों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्रशासन द्वारा उनके अनशन को अवैध बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने शुक्रवार को कहा, ‘ किस कानून के तहत हम यहां नहीं बैठ सकते? यह सार्वजनिक स्थल है और यहां बागवानी मेला सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग हर रोज टहलने आते हैं। हम किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। हमारे अनशन से जनता को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है।’
बीपीएससी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को भाकपा माले लिबरेशन की छात्र इकाई आइसा ने समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन की घोषणा की थी।
वामपंथी छात्र संगठनों को शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने से रोका गया तो वे पुलिस से भिड़ गए।
युवा कांग्रेस की राज्य इकाई ने भी पटना स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम से एक किलोमीटर दूर स्थित प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की समाधि तक ‘मशाल जुलूस’ निकालने का ऐलान किया।
बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों के राज्य की राजधानी पटना के बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित परीक्षा का बहिष्कार किये जाने पर आयोग ने 10,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिया था। इन अभ्यर्थियों को चार जनवरी को शहर के विभिन्न केंद्रों पर नए सिरे से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया है।
हालांकि, आयोग का यह भी मानना है कि बिहार के शेष 911 केंद्रों पर परीक्षा ठीक से आयोजित की गई थी और इस परीक्षा में शामिल पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई थी, पर उम्मीदवारों के एक वर्ग ने ‘समान अवसर’ सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को ‘सबूत’ मुहैया कराए हैं कि कदाचार व्यापक रुप से हुआ था और यह केवल बापू परीक्षा केंद्र तक सीमित नहीं था, जबकि बीपीएससी ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है।
भाषा अनवर संतोष
संतोष