पटना, आठ दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए आयोग की आगामी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की। परीक्षा 13 दिसंबर को होनी है।
लखीसराय में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार… लाठी-डंडा की सरकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से संबंधित मुद्दों को लेकर चिंतित नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में हो रही चीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं है…छात्रों की मांगों के प्रति बीपीएससी के उदासीन रवैये के खिलाफ लाखों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
यादव ने कहा कि आयोग को 13 दिसंबर को होने वाली बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा की तिथि आगे बढ़ानी चाहिए…क्योंकि सर्वर में समस्या के कारण लाखों छात्र फॉर्म नहीं भर सके।
पटना में बीपीएससी के अभ्यर्थी 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में कथित बदलावों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि परीक्षा ‘एक पाली, एक पेपर’ के प्रारूप में आयोजित की जाए, न कि ‘अंकों के सामान्यीकरण’ प्रक्रिया का इस्तेमाल करके, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई शिफ्ट में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समायोजित करती है।
पटना में बीपीएससी कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को बढ़ गया और यातायात को अवरुद्ध करने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाया गया।
बीपीएससी ने पहले ही कहा है कि परीक्षा प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और ‘एक पाली, एक पेपर’ प्रारूप की पुरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 13 दिसंबर की परीक्षा की तारीखों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।
अध्यक्ष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘इसे पहले ही 18 अक्टूबर (पहले की अंतिम तिथि) से बढ़ाकर चार नवंबर कर दिया गया था। परीक्षा के लिए 4.83 लाख से अधिक उम्मीदवार पहले ही आवेदन कर चुके हैं। यह उन उम्मीदवारों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने पहले ही आवेदन कर दिया है। 13 दिसंबर को परीक्षा के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। 1000 से अधिक केंद्रों पर लगभग 30,000 सीसीटीवी कैमरे और जैमर पहले ही लगाए जा चुके हैं।’’
अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर दूं कि बीपीएससी के सर्वर में कोई तकनीकी समस्या नहीं थी। जब अंतिम तिथि 18 अक्टूबर से बढ़ाकर चार नवंबर की गई थी, तो 15 दिनों की विस्तारित अवधि में लगभग 1.40 लाख अधिक छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। उनके लिए सर्वर में कोई तकनीकी समस्या नहीं थी।’’
उन्होंने कहा कि यदि तिथि को आगे बढ़ाया जाता है (जो कि बिल्कुल भी नहीं होने वाला है) तो प्रारंभिक परीक्षा अप्रैल-मई, 2025 से पहले आयोजित नहीं हो सकेगी।
अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पूरी प्रक्रिया में कम से कम 5-6 महीने की देरी होगी। हम जनवरी, 2025 से मार्च, 2025 तक परीक्षा केंद्र, निरीक्षक और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं प्राप्त कर पाएंगे, क्योंकि अगले तीन-चार महीनों में कई अन्य परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं… जैसे कक्षा 10, 11, 12 की अंतिम परीक्षाएं और कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं।’’
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप