बीपीएससी परीक्षा विवाद: बिहार में विरोध प्रदर्शन जारी, प्रदर्शनकारियों ने यातायात बाधित किया

बीपीएससी परीक्षा विवाद: बिहार में विरोध प्रदर्शन जारी, प्रदर्शनकारियों ने यातायात बाधित किया

  •  
  • Publish Date - January 3, 2025 / 11:24 PM IST,
    Updated On - January 3, 2025 / 11:24 PM IST

पटना, तीन जनवरी (भाषा) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द करने की मांग को लेकर शुक्रवार को जन स्वराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का यहां गांधी मैदान में आमरण अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने रेल यातायात बाधित किया।

वामपंथी छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया तथा युवा कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने ‘मशाल जुलूस’ निकाला।

अधिकारियों ने बताया कि उम्मीदवारों के एक चुनिंदा समूह के लिए नए सिरे से परीक्षा होने से एक दिन पहले, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अपने समर्थकों के साथ पटना के कई इलाकों के साथ-साथ अररिया, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात को अवरुद्ध कर दिया।

उन्होंने बताया कि सुबह-सुबह, प्रदर्शनकारी सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और कुछ समय के लिए पटरियों पर बैठ गए, जिससे ट्रेन की आवाजाही में देरी हुई।

अधिकारियों ने बताया कि यादव के समर्थकों ने पूर्णिया और पटना में सड़कों पर टायर भी जलाए।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘आंदोलनकारियों ने सुबह करीब नौ बजे सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पर बक्सर-फतुहा पैसेंजर ट्रेन को 20 मिनट तक को रोक दिया। ‘

रेल पुलिस ने यादव और उनके समर्थकों के खिलाफ ट्रेन की आवाजाही में बाधा डालने और पटना में अनधिकृत जुलूस निकालने का मामला दर्ज किया है।

यादव ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से लेकर प्रदेश में हर स्तर पर विद्यार्थियों के मुद्दे का हल निकाले जाने का प्रयास किया पर सरकार सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब वह इसको लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च करने से रोके जाने पर वामपंथी छात्र संगठनों के कुछ सदस्यों की पुलिस से झड़प भी हुई।

कांग्रेस, भाकपा माले (लिबरेशन), माकपा और भाकपा के कई विधायक और नेता भी विरोध मार्च में शामिल हुए। पुलिस ने उन्हें डाक बंगला गोलंबर पर रोक दिया।

वामपंथी दल भी छह जनवरी को छात्रों के समर्थन में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

पटना पुलिस ने कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों के खिलाफ जुलूस निकालने, कानून-व्यवस्था में बाधा डालने और यातायात बाधित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन विधायकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें शकील अहमद खान, गोपाल रविदास, महबूब आलम, सूर्यकांत पासवान, संदीप सौरव, सत्यदेव राम, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा, सत्येंद्र यादव, श्रीप्रकाश रंजन आदि शामिल हैं।

बाद में, शाम को वामपंथी छात्र संगठनों ने भी शुक्रवार को पटना में प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला।

इसके अलावा युवा कांग्रेस के प्रमुख उदय भानु चिब के नेतृत्व में बिहार युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारी बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में सदाकत आश्रम (पटना में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय) से लेकर राजेंद्र उद्यान तक मशाल जुलूस निकाला।

बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर यहां गांधी मैदान में बृहस्पतिवार से आमरण अनशन पर बैठे किशोर ने पत्रकारों से कहा कि उनका अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार विद्यार्थियों की मांग पर विचार नहीं करती।

किशोर ने तीन दिन पहले नीतीश कुमार सरकार को नाराज उम्मीदवारों की मांग पर कार्रवाई करने के लिए ’48 घंटे का अल्टीमेटम’ दिया था।

हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने गांधी मैदान में किशोर के अनशन को नियम विरुद्ध बताते हुए आमरण अनशन पर बैठने पर जन सुराज के संस्थापक और उनके समर्थकों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

प्रशासन द्वारा उनके अनशन को अवैध बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने शुक्रवार को कहा, ‘ किस कानून के तहत हम यहां नहीं बैठ सकते? यह सार्वजनिक स्थल है और यहां बागवानी मेला सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग हर रोज टहलने आते हैं। हम किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। हमारे अनशन से जनता को किसी तरह की कोई परेशानी ने हो नहीं रही है।’

यादव ने किशोर पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘वह ‘नटवर लाल’ हैं, जो दोपहर का भोजन करने के बाद शाम को आमरण अनशन पर बैठते हैं। कृपया उसके बारे में बात न करें।’

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (मुजफ्फरपुर) की अदालत में किशोर के खिलाफ बीपीएससी उम्मीदवारों को भड़काने और 30 दिसंबर, 2024 को प्रतिबंधित स्थल पर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में शुक्रवार को शिकायत भी दर्ज की गई ।

बाद में, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गांधी मैदान में किशोर से मुलाकात की और उनसे अपना धरना वापस लेने या इसे राज्य की राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए समर्पित स्थल गर्दनीबाग में स्थानांतरित करने का आग्रह किया।

हालांकि, किशोर ने अधिकारियों के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

बाद में, पत्रकारों से किशोर ने कहा, ‘जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मुझसे विरोध वापस लेने का अनुरोध किया। मैंने उनसे स्पष्ट रूप से कहा कि यह संभव नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने मुझ पर अपना विश्वास व्यक्त किया है… मैंने उनसे कहा कि मैं किसी भी परिस्थिति में विरोध वापस नहीं लूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से मिलना चाहिए और उनकी शिकायतें सुननी चाहिए। उसके बाद प्रदर्शनकारी छात्र जो भी निर्णय लेंगे, मैं वही करूंगा।’

बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पटना के बापू परीक्षा केंद्र में संचालित परीक्षा का बहिष्कार किया था।इसपर आयोग ने 10,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिया था, जिन्हें चार जनवरी को शहर के विभिन्न केंद्रों पर नए सिरे से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया है।

हालांकि, आयोग का यह भी मानना ​​है कि बिहार के शेष 911 केंद्रों पर परीक्षा ठीक से आयोजित की गई थी और इस परीक्षा में शामिल पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई थी, पर उम्मीदवारों के एक वर्ग ने ‘समान अवसर’ सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को ‘सबूत’ मुहैया कराए हैं कि कदाचार व्यापक रुप से हुआ था और यह केवल बापू परीक्षा केंद्र तक सीमित नहीं था। बीपीएससी ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है।

भाषा सं अनवर राजकुमार

राजकुमार