पटना, 30 जनवरी (भाषा) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) परीक्षा 2024 में कथित तौर पर अनियमितताओं को लेकर इस इम्तिहान को रद्द किये जाने की मांग कर रहे प्रदशर्नकारियों ने बृहस्पतिवार को आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
पुलिस ने कहा कि जहां आयोग का कार्यालय स्थित है वह प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहां किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारियों पर ‘कोई लाठीचार्ज’ नहीं किया गया है, लेकिन उन पर पुलिस मुख्यालय, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के करीब स्थित क्षेत्र में सड़क यातायात को बाधित करने के लिए मामला दर्ज किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हमने उन लोगों की पहचान कर ली है जिनके उकसाने पर अभ्यर्थी आयोग के कार्यालय के पास इकट्ठा हुये और बेली रोड पर यातायात की आवाजाही को बाधित किया। सभी प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाकर्मियों ने हटा दिया है। पुलिस बीपीएससी अभ्यर्थियों को भड़काने के लिए पटना के दो शिक्षकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर रही है।’
उन्होंने बताया कि पता चला है कि अधिकतर प्रदर्शनकारी राजधानी के बाहर से लाए गए थे और कुछ दूसरे राज्यों से भी आए थे।
बीपीएससी अभ्यर्थी बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में आयोग कार्यालय के पास एकत्र हुए और 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) परीक्षा 2024 को रद्द करने की मांग की। इस मांग को आयोग ने खारिज कर चुका है। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया।
जिलाधिकारी ने कहा, ‘वे बीपीएससी कार्यालय की ओर बढ़ना चाहते थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। सुरक्षाकर्मियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया। यह प्रतिबंधित क्षेत्र है और यहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान दो-तीन छात्र घायल भी हुए हैं।
पटना उच्च न्यायालय 13 दिसंबर को हुई परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने वाला है।
भाषा अनवर नोमान
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