पटनाः Bihar Teacher Recruitment Update बिहार में फर्जी शिक्षकों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। लगभग 4000 शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। जांच के दौरान लगभग 4000 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इनमें 80% शिक्षकों का CTET में निर्धारित अंक से कम नंबर है। यानी इन्हें CTET में 60% से कम नंबर है। जबकि 20% शिक्षकों ने दिव्यांग, जाति, निवास, खेल सहित अन्य प्रमाण पत्र फर्जी बनाए है। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 24 हजार से ज्यादा है। कहा जा रहा है कि सरकार इन्हें नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है। साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि इनसे वेतन की वसूली भी की जाएगी।
Bihar Teacher Recruitment Update दरअसल, बिहार में शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना जरूरी है। CTET में 60% से कम अंक वालों को शिक्षक बनने के लिए योग्य नहीं माना जाता है। लेकिन बिहार में 4000 से ज्यादा शिक्षक ऐसे पाए गए हैं जिनके CTET में 60% से भी कम अंक हैं। इनमें से कई शिक्षकों के तो CTET में 50% से भी कम अंक हैं। शिक्षक भर्ती में धांधली का मामला सिर्फ CTET के अंकों तक ही सीमित नहीं है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई शिक्षकों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और दिव्यांगता प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया है। कुछ शिक्षकों ने तो खेल कोटे के तहत भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल कर ली है।
शिक्षा विभाग को शक है कि प्रदेश के 24 हजार से अधिक शिक्षकों ने इसी तरह नौकरी हासिल की है। शिक्षा विभाग ने अभी कहा है कि ऐसे फर्जी शिक्षकों से सरकार वेतन की भी वसूली करेगी। वहीं, शिक्षा विभाग के सूत्रों से पता लगा है कि ऐसे करीब 24000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है, जिनकी पहली जांच में उनके एक से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। अब दूसरी बार फिर से जांच होगी इस दौरान भी अगर प्रमाण पत्र के बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला तो उनको बर्खास्त किया जाएगा, फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनसे वेतन की वसूली भी की जाएगी।
हालांकि, शिक्षा विभाग में बताया है कि जो साक्षमता पास अभ्यर्थी काउंसिलिंग में उपस्थित हुए थे उनमें पहले चरण में केवल 96 शिक्षकों की यही मार्कशीट फर्जी पाए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग की नजर उन शिक्षकों पर है जो काउंसलिंग में या तो शामिल नहीं हुए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह के अनुसार, साक्षमता परीक्षा पास 40000 से अधिक शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हुई। नवंबर में छूटे हुए अभ्यर्थियों के काउंसलिंग की फिर से संभावना है और काउंसलिंग में कई शिक्षकों के मार्कशीट संदिग्ध मिले हैं।