बिहार सरकार ने राज्य में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जुर्माना राशि बढ़ाई

बिहार सरकार ने राज्य में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जुर्माना राशि बढ़ाई

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  • Publish Date - October 15, 2024 / 09:51 PM IST,
    Updated On - October 15, 2024 / 09:51 PM IST

पटना, 15 अक्टूबर (भाषा) बिहार सरकार ने अवैध खनन गतिविधियों में शामिल वाहनों पर 10 लाख रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना लगाने की मंगलवार को घोषणा की।

यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा, “मंत्रिमंडल ने अवैध खनन पर लगाम लगाने के मकसद से जुर्माना राशि बढ़ाने के राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”

सिद्धार्थ ने बताया कि अवैध खनन से प्राप्त सामग्री के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रैक्टर पर जुर्माना 25,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि डंपर और ट्रक के लिए जुर्माना राशि छह लाख रुपये से बढ़कर आठ लाख रुपये कर दी गई है, जबकि मिट्टी हटाने वाली मशीनों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

सिद्धार्थ के अनुसार, जुर्माना राशि लोगों को अवैध खनन गतिविधियों से दूर रखने के लिए बढ़ाई गई है।

उन्होंने बताया कि यह जुर्माना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए किसी भी जुर्माने के अतिरिक्त होगा।

सिद्धार्थ ने कहा, “खनन सामग्री का परिवहन करने वाले सभी पंजीकृत वाहनों को नये दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जिसमें लाल रंग का कोड इस्तेमाल करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सामग्री ढकी हुई है। अनुपालन न करने पर नये नियमों में उल्लिखित अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि इन उपायों के अलावा, मंत्रिमंडल ने जांचकर्ताओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के लिए 190 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दी।

सिद्धार्थ के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य संज्ञेय अपराधों में डिजिटल और तकनीकी साक्ष्य के संग्रह को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा, “जांच अधिकारियों (आईओ) को इन उपकरणों से लैस करने से वे अपराध स्थलों पर सीधे साक्ष्य एकत्र करने में सक्षम होंगे और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता में सुधार आएगा, खासतौर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के लागू होने के साथ।”

मंत्रिमंडल ने कोसी-मेची नदी जोड़ो परियोजना के दूसरे चरण के लिए राज्य के हिस्से के रूप में 14 करोड़ रुपये जारी करने के जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।

सिद्धार्थ ने बताया कि इस परियोजना का मकसद कई जिलों में बाढ़ की समस्या को कम करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस पहल के लिए केंद्र सरकार से 90:10 के अनुपात में अतिरिक्त वित्तीय सहायता मांगी है।

भाषा पारुल माधव

माधव