बिहार में बाढ़ : कई स्थानों पर तटबंध टूटे, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी घुसा |

बिहार में बाढ़ : कई स्थानों पर तटबंध टूटे, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी घुसा

बिहार में बाढ़ : कई स्थानों पर तटबंध टूटे, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पानी घुसा

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 10:19 PM IST, Published Date : September 29, 2024/10:19 pm IST

(तस्वीर के साथ)

पटना, 29 सितंबर (भाषा) बिहार में रविवार को भी बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी रही। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है।

सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में रविवार को जहां दरार की खबर आई, वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध शाम 4.50 बजे क्षतिग्रस्त हो गया जिससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया। इससे वहां के वन्यजीवों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा रविवार को जारी ताजा बयान के अनुसार, ‘‘बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना मिली जिन्हें तत्काल दुरूस्त किया गया।’’

बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूआरडी ने रविवार को तटबंध क्षतिग्रस्त होने, कार्य में लापरवाही बरतने एवं जिला प्रशासन से उचित समन्वय न रखने के आरोप में बगहा के कार्यपालक अभियंता (बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल) निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया।

बयान के अनुसार बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया। कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है। ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है।

बयान के मुताबिक महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है। कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है।

डब्ल्यूआरडी के मुताबिक रविवार को छोटी नदियों में जलस्तर में कमी आई है लेकिन कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है।

कोसी नदी पर बने वीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है।

राज्य जल संसाधन विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछली बार इस बैराज से सबसे ज्यादा पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था।

इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार रात 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद सबसे ज्यादा पानी है।

एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके। विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनीय अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं और वे हमेशा सतर्क रहते हैं। घबराने की कोई बात नहीं है।’’

भाषा अनवर

धीरज

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