बिहार: सरकार से पशु बलि और मवेशियों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की मांग

बिहार: सरकार से पशु बलि और मवेशियों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की मांग

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  • Publish Date - November 16, 2024 / 10:38 PM IST,
    Updated On - November 16, 2024 / 10:38 PM IST

पटना, 16 नवंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और अन्य पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य में विभिन्न स्थानों पर ‘पशु बलि की प्रथा’ और नेपाल में गढ़ीमाई त्योहार के दौरान बलि के लिए प्रदेश से मवेशियों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए तत्काल निर्देश जारी करने का आग्रह किया।

मेनका गांधी ने शुक्रवार को नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर पशु बलि और गढ़ीमाई त्योहार के दौरान बलि के लिए प्रदेश से नेपाल में मवेशियों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

अन्य पशु संरक्षण संगठनों के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना से मुलाकात की और उनसे राज्य में पशु बलि व पशुओं की तस्करी पर रोक लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी करने का आग्रह किया।

पशु अधिकार कार्यकर्ता आचार्य प्रशांत ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि वे बिहार में विभिन्न स्थानों पर पशु बलि की प्रथा को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करें और बलि के लिए बिहार से नेपाल में मवेशियों की तस्करी पर लगाम लगाएं।”

उन्होंने कहा कि पशुओं की इस तरह सार्वजनिक बलि हमारे सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भारतीय मूल्यों और विरासत से प्रेरित होकर काम करने वाले अधिकांश भारतीयों के लिए भयावह और घृणित है।

कार्यकर्ता आलोकपर्ण सेनगुप्ता ने कहा, “बिहार में भी विभिन्न धार्मिक त्योहारों के दौरान हर साल बड़े पैमाने पर पशुओं की सार्वजनिक बलि दी जाती है। इस तरह की घटनाएं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और पशु क्रूरता निवारण (वधशाला) नियम, 2001 का उल्लंघन करती हैं। यह सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ती है और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करती है।”

भाषा अनवर जितेंद्र

जितेंद्र