बिहारः नीतीश कुमार ने मंत्रिपरिषद में सात नये चेहरों को शामिल किया, सभी भाजपा विधायक
बिहारः नीतीश कुमार ने मंत्रिपरिषद में सात नये चेहरों को शामिल किया, सभी भाजपा विधायक
(तस्वीरों के साथ)
पटना, 26 फरवरी (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए साल भर से भी कम समय शेष रह जाने के बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद में सात नए चेहरों को शामिल किया। ये सभी गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हैं। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है।
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीट हैं। नियमों के अनुसार सदन की कुल सीट का 15 प्रतिशत ही मंत्री हो सकते हैं। इस लिहाज से राज्य मंत्रिपरिषद में अधिकतम 36 मंत्री ही हो सकते हैं।
इस मंत्रिमंडल विस्तार को बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले समाज के सभी वर्ग को मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व दिए जाने के एक प्रयास के रूप देखा जा रहा है।
राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। जिन विधायकों को मंत्री बनाया गया है उनमें जिबेश कुमार, संजय सरावगी, सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल और कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।
नये मंत्रियों में शामिल जिबेश कुमार अगस्त 2022 तक राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य थे, जब मुख्यमंत्री कुमार ने यह आरोप लगाते हुए अचानक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ दिया था कि भाजपा उनके नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) को ‘‘तोड़ने’’ की कोशिश कर रही है।
बजट सत्र शुरू होने में सिर्फ दो दिन शेष रह जाने पर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए गए जिबेश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अपनी सर्वोत्तम क्षमता से जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए तैयार हूं।’’
दरभंगा सदर से पांचवीं बार विधायक संजय सरावगी और बिहारशरीफ का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील कुमार को भी मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ कहे जाने वाले नालंदा जिले के बिहारशरीफ से कुमार तीन बार जद(यू) के टिकट पर चुने गए। वह 2015 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
सरावगी ने कहा, ‘‘मैं नयी जिम्मेदारी का निर्वहन करने को लेकर उत्सुक हूं। पहले, मैं सरकार से सवाल पूछता था। अब, मुझसे साथी सदस्यों के सवालों का जवाब देने की उम्मीद की जाएगी।’’
मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज सीट से विधायक राजू कुमार सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। वह भी पहले जद(यू) में थे। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी के नेतत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
इस चुनाव में वीआईपी ने कुल मिलाकर तीन सीट जीती थीं। दो साल पहले उस समय इसके सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जब सहनी ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था।
सिंह से यह पूछे जाने पर कि उन्हें मंत्री पद क्या भाजपा में शामिल होने के ‘‘इनाम’’ के तौर पर दिया गया है, उन्होंने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘यह तय करना पार्टी का विशेषाधिकार है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। मैं पार्टी के साथ-साथ बिहार के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।’’
मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए नेताओं में एक और प्रमुख चेहरा सारण जिले के अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू हैं। हाल में उन्होंने पटना में ‘‘कुर्मी चेतना रैली’’ आयोजित की थी, जिसका उद्देश्य इस ओबीसी समुदाय में भाजपा की पैठ बढ़ाने की थी। नीतीश कुमार खुद कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए दो अन्य चेहरों में अररिया जिले के सिकटी से विधायक विजय कुमार मंडल और सीतामढ़ी के रीगा से विधायक मोती लाल प्रसाद शामिल हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मंत्रिपरिषद विस्तार में जातिगत समीकरण के साथ ही भाजपा के जनाधार वाले क्षेत्रों पर भी खासा ध्यान दिया गया है। ज्ञात हो कि एक दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पटना में पार्टी के कोर समूह के नेताओं के साथ बैठक की थी।
नए मंत्रियों में से दो, जिबेश कुमार (भूमिहार) और राजू कुमार सिंह (राजपूत) उच्च जातियों से हैं, जो बिहार में आबादी का 10 प्रतिशत से अधिक हैं। इन समूहों को दशकों से भाजपा का सबसे वफादार मतदाता माना जाता है।
इसके अलावा, सुनील कुमार को छोड़कर सभी गंगा के उत्तर क्षेत्र से आते हैं। इस क्षेत्र में राजग के मुकाबले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
मंत्रिपरिषद में नये चेहरों को ऐसे दिन शामिल किया गया जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने पार्टी की ‘‘एक व्यक्ति, एक पद’’ की नीति का हवाला देते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
जायसवाल को पिछले साल जनवरी में जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के बाद गठित नये मंत्रिमंडल में राजस्व और भूमि सुधार विभाग का प्रभार सौंपा गया था।
जायसवाल जुलाई, 2024 में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के स्थान पर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बनाये गये थे।
भाषा अनवर आशीष
आशीष

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