बिहार: पटना के 22 केंद्रों पर दोबारा आयोजित बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न

बिहार: पटना के 22 केंद्रों पर दोबारा आयोजित बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा संपन्न

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 04:35 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 04:35 PM IST

पटना, चार जनवरी (भाषा) बिहार की राजधानी पटना के 22 केंद्रों पर शनिवार को दोबारा आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुई।

बीपीएससी की गत 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को अराजकता के बाद पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर रद्द कर दिया गया था। इसके बाद इस केंद्र के अभ्यर्थियों के लिए फिर से पटना के 22 केंद्रों पर प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया।

दोबारा आयोजित यह परीक्षा दोपहर 12 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई और दोपहर दो बजे संपन्न हो गई।

बीपीएससी ने 13 दिसंबर को कथित अनियमितताओं के बाद केवल बापू परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के लिए इस परीक्षा को फिर से कराए जाने की घोषणा की थी।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि सभी 22 केंद्रों पर यह परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।

उन्होंने कहा कि आज आयोजित की गई परीक्षा को लेकर अभी तक कहीं से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

जिलाधिकारी ने बताया कि आज आयोजित की गई परीक्षा में कुल 12,000 उम्मीदवारों में से 5943 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए।

परीक्षा से पूर्व पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘पटना में 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा होने जा रही है। कुल 12,000 उम्मीदवारों में से लगभग 8,200 उम्मीदवारों ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिए हैं। परीक्षा समाप्त होने के बाद ही संबंधित अधिकारी आज की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की सही संख्या बता पाएंगे।’’

उन्होंने बताया था , ‘‘सुचारु और शांतिपूर्ण परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में अनधिकृत प्रवेश, सभा और विरोध प्रदर्शन प्रतिबंधित हैं।’

इस बीच, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं सीसीई को रद्द करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार से शुरू किया गया अपना आमरण अनशन शनिवार को भी जारी रखा।

पत्रकारों से शनिवार को बात करते हुए किशोर ने कहा, ‘मुझे पता है कि 13 दिसंबर को राज्य भर में आयोजित पूरी परीक्षा को रद्द करने के लिए हमारी ओर से बार-बार मांग की गई, लेकिन इसके बावजूद बापू परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के लिए आज पटना में दोबारा परीक्षा कराई जा रही है। फिर से परीक्षा की मांग कर रहे बाकी अभ्यर्थियों का क्या होगा? मुझे यकीन है कि आज की परीक्षा के बाद विरोध और तेज होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘सरकार हमारी बात सुनेगी। प्रशासन शुक्रवार को हमारे पास आया और हमसे हड़ताल खत्म करने का अनुरोध किया।’’

किशोर ने आरोप लगाया, ‘राज्य में भर्ती प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में सभी जानते हैं। लोग कह रहे हैं कि बीपीएससी की आधी सीट माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों ने पहले ही बेच दी हैं। भ्रष्ट अधिकारी और माफिया राज्य और बीपीएससी में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए 30 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक वसूल रहे हैं।

किशोर के आमरण अनशन पर पटना के जिलाधिकारी ने कहा, “हम घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं….आज की परीक्षा समाप्त होने के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे। जो लोग गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठे हैं, वह अवैध है।”

बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने, राज्य की राजधानी पटना के बापू परीक्षा केंद्र में संचालित परीक्षा का बहिष्कार किये जाने पर आयोग ने 12000 उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत अभ्यर्थियों को चार जनवरी को शहर के विभिन्न केंद्रों पर नए सिरे से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया था।

हालांकि, आयोग का मानना ​​है कि बिहार के शेष 911 केंद्रों पर परीक्षा ठीक से आयोजित की गई और इस परीक्षा में शामिल पांच लाख से अधिक उम्मीदवारों की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई थी।लेकिन उम्मीदवारों के एक वर्ग ने ‘समान अवसर’ सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश दिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अधिकारियों को ‘सबूत’ मुहैया कराए हैं कि कदाचार व्यापक रूप से हुआ था और यह केवल बापू परीक्षा केंद्र तक सीमित नहीं था, जबकि बीपीएससी ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया है।

भाषा अनवर नेत्रपाल संतोष

संतोष