नवादा में दलित टोला में आगजनी मामला: मुफस्सिल थाना अध्यक्ष लाइन हाजिर

नवादा में दलित टोला में आगजनी मामला: मुफस्सिल थाना अध्यक्ष लाइन हाजिर

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  • Publish Date - September 20, 2024 / 09:19 PM IST,
    Updated On - September 20, 2024 / 09:19 PM IST

पटना, 20 सितंबर (भाषा) बिहार के नवादा जिले में 34 घरों में आगजनी की घटना, जिनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) समुदायों के लोगों के थे, के दो दिन बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार को मुफस्सिल थाना के प्रभारी (एसएचओ) को ‘खुफिया जानकारी जुटाने’ में कथित विफलता के लिए लाइन हाजिर कर दिया।

नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मांझी टोला में बुधवार शाम करीब 7.15 बजे लोगों के एक समूह ने 34 घरों में आग लगा दी थी।

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी नंदू पासवान सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस सिलसिले में 15 गिरफ्तार आरोपियों सहित 28 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

नवादा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘मुफस्सिल थाने के एसएचओ नीलेश कुमार को खुफिया जानकारी जुटाने में कथित विफलता के लिए पुलिस लाइन भेज दिया गया है… खुफिया जानकारी जुटाना पुलिस का एक महत्वपूर्ण काम है। घटना को लेकर एसएचओ से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। उन्हें जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जाएगी।’’

एसपी ने कहा, ‘‘मामले की आगे जांच की जा रही है… यदि अन्य पुलिसकर्मियों की ओर से लापरवाही पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।’’उन्होंने आगे कहा कि नवादा के मांझी टोला इलाके में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है।

एसपी ने कहा, ‘‘वहां पर्याप्त संख्या में बल तैनात किए गए हैं… और मामले में फरार अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किये गए लोगों के कब्जे से तीन तमंचे, कई कारतूस और छह मोटरसाइकिल बरामद की है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को घटना की निंदा की थी और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) को मौके पर स्वयं जाकर जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया था। कुमार ने सभी संदिग्धों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की जरूरत पर भी जोर दिया। जांच में प्रथम दृष्टया पुलिस ने इस आगजनी की वजह जमीन विवाद बताया था।

एसपी ने कहा, ‘‘हम विस्थापित लोगों को भोजन के पैकेट और पीने के पानी सहित राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। पीड़ितों के लिए अस्थायी टेंट लगाए गए हैं।

जिला प्रशासन ने उन सभी परिवारों को एक-एक लाख रुपये की राहत राशि दी है, जिनके घर जलाए गए हैं। इस घटना के बाद सत्तारूढ़ राजग गठबंधन और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के एक समूह ने शुक्रवार को मांझी टोला का दौरा करके पीड़ितों से मुलाकात की।

भाषा अनवर

संतोष

संतोष