(तस्वीर के साथ)
पटना, 21 जनवरी (भाषा) बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों को अपने आचरण में मर्यादा और गरिमा के उच्च मानकों का पालन करना चाहिए, क्योंकि उन पर कोई भी हमला संविधान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।
राज्यपाल ने यहां आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों को अपने आचरण में मर्यादा और गरिमा के उच्च मानकों का पालन करना चाहिए…उन्हें समझना चाहिए कि उन पर कोई भी हमला संविधान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है। ’’
उन्होंने बिहार के सिलसिले में कहा कि यह राज्य अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है…इन बुनियादी सिद्धांतों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘बिहार दुनिया के पहले लोकतंत्र की धरती रही है। दुनिया का पहला गणतंत्र वैशाली (बिहार) में है। यह बुद्ध, महावीर और महात्मा गांधी की धरती है…और यह सर्वविदित तथ्य है कि संविधान निर्माण में बिहार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संविधान निर्माण में बिहार की महत्वपूर्ण विभूतियों– सच्चिदानंद सिन्हा, राजेंद्र प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिन्हा, कृष्ण सिन्हा एवं अन्य लोगों ने अपना अमूल्य योगदान दिया।’’
उन्होंने कहा कि संविधान सर्वोच्च कानूनी प्राधिकार है जो विधायिका, कार्यपालिका और सरकार के अन्य अंगों को जोड़ता है…अधिकारियों को संविधान का अक्षरशः पालन करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि कर्तव्यों के निर्वहन में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को इसका पालन करना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी समापन सत्र को संबोधित किया।
समापन सत्र को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह आदि शामिल थे।
भाषा अनवर राजकुमार
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