पटना, 18 दिसंबर (भाषा) बिहार में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर बी आर आंबेडकर का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने के साथ माफी की मांग की।
राजद के उपाध्यक्ष शिव चंद्र राम, विधायक रेखा पासवान और पार्टी के एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति) प्रकोष्ठ के प्रमुख अनिल साधु ने पटना में पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के दलित नेताओं एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने बिहार के इन दलित नेताओं पर एक दिन पहले संसद में शाह के भाषण के दौरान ‘‘मुस्कुराने’’ का आरोप लगाया।
शिव चंद्र राम ने कहा, ‘‘अमित शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा उनके पद के लिए अशोभनीय थी। हम आंबेडकर को मानने वाली देश की 90 प्रतिशत आबादी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनसे माफी की मांग करते हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का भी आग्रह करते हैं।’’
पूर्व राज्य मंत्री राम ने हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह चिराग पासवान से हार गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से चुने गए 100 से अधिक सांसद हैं। मैं उन सभी से शाह की टिप्पणियों के विरोध में इस्तीफा देने का आह्वान करता हूं।’’
राम ने पासवान पर परोक्ष रुप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं उस नेता से भी कहना चाहता हूं जो खुद को ‘‘शेर का बच्चा’’ कहते फिरते हैं, हवाई मार्ग से पटना आते रहते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए खबरों में बने रहना पसंद करते हैं, उन्हें भी इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।’’
साधु ने कहा कि आंबेडकर ‘‘की वजह से मोची के घर पैदा हुए मेरे जैसे लोग अपना जीवन बेहतर बनाने में सक्षम हैं, लेकिन शाह उनके योगदान को नहीं समझ पाए।’’
उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा नेता आंबेडकर को नमन करने का दिखावा करते हैं, दूसरी तरफ वे आंबेडकर का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पार्टी को चुनौती देता हूं कि वह अपने भाषण में आंबेडकर का नाम लेना बंद कर दे। उनका दोहरापन उजागर होना चाहिए।’’
साधु ने यह भी आरोप लगाया कि पासवान ने अतीत में दलितों की बेहतरी के लिए आरक्षण खत्म करने की वकालत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चिराग पासवान और मांझी दो ऐसे नेता हैं जो दलितों के मसीहा होने का दावा करते हैं और इसका इस्तेमाल अपने पारिवारिक साम्राज्य बनाने के लिए करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे या तो भाजपा-आरएसएस के आरक्षण विरोधी रुख के साथ अपनी मिलीभगत पर सफाई दें नहीं तो वे संविधान में दिए गए आरक्षण को छोड़ें।’’
राजद ने इस मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने राजद नेताओं पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और विपक्षी दल पर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए निशाना साधा, जिसने ‘‘कभी आंबेडकर का सम्मान नहीं किया।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राजद चाहता है कि शादी और विरासत से जुड़े मामलों में देश पर शरिया कानून लागू किया जाए। लेकिन अपराध में अपने ही लोगों की संलिप्तता के कारण यह पार्टी गंभीर अपराधों के लिए इस्लामी कानून की तरह कड़ी सजा के प्रावधान का हमेशा विरोध करती है।’’
भाषा अनवर आशीष
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