रायपुर : Bhuiyan Ke Bhagwan IBC24 : माटी की कोख से जब भी कोई नन्हा पौधा झांकता है, समझ लीजिए वो किसान के पसीने से नहाकर जीवंत हुआ है। किसान वो है जो खुद कष्ट सहकर दुनिया का पेट भरता है। मौसम से लड़कर, चुनौतियों को हराकर अपनी जिंद से वो खेतों हरा-भरा करता है। अनाज का हर दाना ऋणी होता है किसान का और उतने ही कृतज्ञ हम सब हैं, क्योंकि किसान न होते तो शायद हमारी विकास यात्रा ऐसी न होती। बदलते पर्यावरण और आबादी के दबाव के बीच देश का किसान सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है, लेकिन इस दौर में भी कई किसान अपनी तदबीर से तक़दीर बदलने में कामयाब रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 भुइंया के भगवान सम्मान कार्यक्रम लेकर आया है। इस कार्यक्रम में 11 किसान, 1 किसान समूह, 2 कृषि वैज्ञानिक और 1 ऐसे उद्यानिकी विभाग को भुइंया के भगवान सम्मान देने जा रहे हैं, जिन्होंने खेती को अपने इनोवेशन से आसान बनाने की कोशिश की। IBC24 प्रदेश के हौसलामंद किसानों को सम्मान का एक मंच दे रहा है। हमने ईश्वर को नहीं देखा, लेकिन अगर उसकी कोई सूरत होगी। तो यकीनन वो किसान जैसे ही होगी। हमारी नज़र में किसान इस माटी के मान है, वो भुइंया के भगवान हैं।
Bhuiyan Ke Bhagwan IBC24 : रायगढ़ जिले के किसान तोषराज पटेल ने आर्गेनिक खेती की मिसाल कायम की है। तोषराज पटेल के पास खुद की बमुश्किल 55 डिसमिल जमीन है लेकिन वे आज 90 एकड़ से अधिक की जमीन पर खेती कर रहे हैं। आलम ये है कि उनके खेतों में उगाई गई सब्जियां दूसरे राज्यों में भी निर्यात हो रही हैं। पुसौर ब्लाक के छोटे भंडार गांव के रहने वाले तोषराज पटेल पेशे से शिक्षक हैं। साल 2012 में एक सड़क हादसे में उनका एक पैर चला गया और वे चलने फिरने में असमर्थ हो गए, लेकिन तोषराज पटेल ने हार नही मानी। उन्होने आर्टिफिशियल पैर के सहारे फिर से चलने फिरने की प्रैक्टिस की। तोषराज अपने खेतों में करेला, टमाटर, ककड़ी, लौकी, की फसल ले रहे हैं। वर्तमान में 70 एकड़ में लौकी और 20 एकड़ में करेले की फसल तैयार हो चुकी है। तोषराज पटेल का सालाना टर्नओवर तकरीबन एक करोड का है। उनकी ली गई फसल की डिमांड बैंगलुरु, झारखंड, उडीसा जैसे राज्यों में भी है। तोषराज को भुइयां के भगवान सम्मान देते हुए हम गर्व की अनुभूति कर रहे हैं।