IBC24 Bhuiyan Ke Bhagwan : रायपुर। माटी की कोख से जब भी कोई नन्हा पौधा झांकता है, समझ लीजिए वो किसान के पसीने से नहाकर जीवंत हुआ है। किसान वो है, जो खुद कष्ट सहकर दुनिया का पेट भरता है। मौसम से लड़कर, चुनौतियों को हराकर अपनी जिंद से वो खेतों हरा-भरा करता है। अनाज का हर दाना ऋणी होता है किसान का और उतने ही कृतज्ञ हम सब हैं, क्योंकि किसान न होते तो शायद हमारी विकास यात्रा ऐसी न होती। बदलते पर्यावरण और आबादी के दबाव के बीच देश का किसान सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है, लेकिन इस दौर में भी कई किसान अपनी तदबीर से तक़दीर बदलने में कामयाब रहे हैं।
इस बार हम 11 ऐसे किसान, जिसमें एक किसान समूह, एक कृषि वैज्ञानिक और एक उद्यानिकी विभाग को भुइंया के भगवान सम्मान देने जा रहे हैं, जिन्होंने खेती को अपने इनोवेशन से आसान बनाने की कोशिश की। IBC24 प्रदेश के हौसलामंद किसानों को सम्मान का एक मंच दे रहा है। हमने ईश्वर को नहीं देखा, लेकिन अगर उसकी कोई सूरत होगी तो यकीनन वो किसान जैसे ही होगी। हमारी नज़र में किसान इस माटी के मान है, वो भुइंया के भगवान हैं। इसलिए IBC24 इन किसानों को ‘भूइंया के भगवान’ सम्मान दे रहा है।
4 साल की कड़ी मेहनत के बाद युवा किसान जयदीप चंद्राकर को आखिर सफलता मिल ही गई। 28 साल की उम्र में ही जयदीप चंद्राकर बड़े उद्यमी बनने की राह पर निकल चुके थे। वैसे तो जयदीप चंद्राकर मार्केटिंग और ई-कॉमर्स में MBA किए हुए हैं। जयदीप चंद्राकर आज एक सफल फिश फार्मर माने जा रहे हैं, इन्होंने फिशरीज में एक नया मुकाम हासिल किया है। फिश फार्मर में इनकी गिनती प्रदेश में होने लगी है। जयदीप को बचपन में मछली पकड़ने का बड़ा शौक था, उनके शौक ने उन्हें फिशरीज की तरफ खींच लिया।
जयदीप आज खुद के 6 एकड़ और लीज के 9 एकड़ पर मछली उत्पादन कर रहे हैं, उनके फार्म में फंगास, तलबिया, रोहा और कतला प्रजाति के मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है। वहीं, हर 6 महीने में 50 से 60 टन मछली उत्पादन कर रहे हैं, जिससे 25 लाख रुपए तक का मुनाफा हो रहा है। इसी के साथ जयदीप चंद्राकर के प्रोजेक्ट में कई लोगों को रोजगार भी मिला है। जयदीप चंद्राकर ने लगातार अपने काम पर जोर दिया और आज वे सफलता के नित नए पायदान को छूते जा रहे हैं। इसलिए उन्हें ‘भूइंया के भगवान’ सम्मान प्रदान करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है।