दिल्ली: Vehicle Scrap Policy: आने वाले दिनों में आपकी गाड़ी की रिपेयरिंग और सर्विसिंग की लागत में कमी आ सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी अगर सही ढंग से लागू होती है, तो वाहनों के स्पेयर पार्ट्स (कलपुर्जे) की कीमतों में 30% तक की गिरावट आ सकती है। इसका सीधा असर नई कारों और रिपेयरिंग की लागत पर पड़ेगा, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर कम बोझ पड़ेगा।
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व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से होगा बड़ा फायदा
Vehicle Scrap Policy: नितिन गडकरी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव आएगा। अगर इसका पूरी क्षमता से उपयोग किया जाए, तो इससे न सिर्फ वाहनों के कलपुर्जों की कीमत कम होगी, बल्कि गाड़ियों की कीमतों में भी गिरावट आएगी। इसका मतलब है कि नई कारें सस्ती हो सकती हैं और रिपेयरिंग की लागत में भी भारी कमी आ सकती है।
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कैसे सस्ता होगा गाड़ियों का रिपेयरिंग खर्च?
Vehicle Scrap Policy: स्क्रैप पॉलिसी से वाहनों के पुराने और बेकार पार्ट्स को रीसाइक्लिंग किया जाएगा, जिससे कंपनियों को कम लागत में स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध होंगे। जब स्पेयर पार्ट्स सस्ते होंगे, तो रिपेयरिंग और सर्विसिंग की कुल लागत में भी कमी आएगी। वाहनों के निर्माण में कम लागत लगेगी, जिससे नई कारें सस्ती हो सकती हैं।
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ईवी और पेट्रोल कारों की कीमत होगी बराबर!
Vehicle Scrap Policy: नितिन गडकरी ने एक अन्य कार्यक्रम में यह भी कहा था कि आने वाले 6 महीनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और पेट्रोल गाड़ियों की कीमतें बराबर हो सकती हैं। सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर काम कर रही है, जिससे ईवी की स्वीकार्यता और मांग में बढ़ोतरी होगी।
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से ग्राहकों को कैसे लाभ होगा?
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के लागू होने से वाहनों के स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में 30% तक की कमी आ सकती है। इससे नई कारों की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है, और रिपेयरिंग व सर्विसिंग की लागत कम हो जाएगी। ग्राहकों को कम कीमत पर अच्छे वाहन मिल सकेंगे और गाड़ी रिपेयरिंग में भी राहत मिलेगी।
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से क्या फायदा होगा ऑटोमोबाइल सेक्टर को?
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के जरिए पुरानी और बेकार गाड़ियों के कलपुर्जों को रीसायकल किया जाएगा। इससे कंपनियों को सस्ते स्पेयर पार्ट्स मिलेंगे, जिससे वाहन बनाने की लागत कम होगी। इसके परिणामस्वरूप नई कारों की कीमतें घट सकती हैं और रिपेयरिंग की लागत भी कम हो सकती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और पेट्रोल कारों की कीमत में क्या बदलाव होगा?
नितिन गडकरी के अनुसार, आने वाले छह महीनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और पेट्रोल गाड़ियों की कीमतें बराबर हो सकती हैं। सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर काम कर रही है, जिससे ईवी की मांग बढ़ेगी और इसकी कीमतों में कमी आएगी।
क्या ईवी सेक्टर पर सरकार के कदमों का कोई प्रभाव होगा?
हां, सरकार के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और कच्चे माल की कीमतों में कमी से ईवी और पेट्रोल कारों की कीमतों के अंतर में कमी आएगी। इससे ईवी की स्वीकार्यता बढ़ेगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा, क्योंकि इससे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटेगी।
स्क्रैप पॉलिसी लागू होने से वाहनों की सर्विसिंग की लागत कैसे प्रभावित होगी?
स्क्रैप पॉलिसी के लागू होने से स्पेयर पार्ट्स सस्ते हो जाएंगे, जिससे गाड़ी रिपेयरिंग और सर्विसिंग की लागत में भी कमी आएगी। अगर आपको रिपेयरिंग में किसी स्पेयर पार्ट्स को बदलवाने की जरूरत पड़ी, तो उसकी कीमत 30% तक कम हो सकती है, जिससे ग्राहकों को राहत मिलेगी।