पेट्रोल हो या डीजल बस इतने खर्च में गाड़ी बन जाएगी इलेक्ट्रिक.. यहां 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां होंगी बंद

Petrol or diesel bus will become electric vehicle at this cost.. here 10 year old diesel vehicles will be closed

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  • Publish Date - December 18, 2021 / 06:36 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नई दिल्ली। अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को चलाते रहना चाहते हैं तो आप उसे इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ी कैसे बनाया जा सकता है और इस पर कितना खर्च आता है।

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किसी भी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने के लिए आपको एक इलेक्ट्रिक मोटर या इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट चाहिए। बाजार में कई कंपनियां इस तरह की रेट्रोफिट इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट देती हैं। दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि पुरानी डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलवाने के लिए गाड़ी मालिक उससे मान्यता प्राप्त कंपनियों की इलेक्ट्रिक किट को रेट्रोफिट करवा सकेंगे।

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किसी पुरानी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलने का खर्च नई गाड़ी के 15% के बराबर तक पड़ता है। मारुति ऑल्टो जैसी छोटी कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने का खर्च करीब दो लाख रुपये तक होता है। वहीं बड़ी कार के लिए ये खर्च थोड़ा ज्यादा हो सकता है और करीब 4 लाख रुपये तक जा सकता है। लेकिन पेट्रोल और डीजल कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के कई फायदे भी हैं।

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डीजल गाड़ी के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ी चलाने का खर्च काफी कम आता है। डीजल गाड़ी को चलाने का खर्च जहां 7 से 8 रुपये प्रति किलोमीटर बैठता है, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ी का खर्च करीब 1 रुपये प्रति किलोमीटर होता है।

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दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक जिन डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को 10 साल पूरे हो चुके हैं या 1 जनवरी 2022 को पूरे होने जा रहे हैं, उनके लिए सरकार एक अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करेगी। इसके आधार पर इन गाड़ियों को दूसरे राज्यों में फिर से रजिस्टर कराया जा सकता है। हालांकि जिन राज्यों में इनके दोबारा रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध है उनके लिए ये एनओसी जारी नहीं की जाएगी। वहीं सरकार ने अपने आदेश में इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन दिया है।