Maruti Suzuki ‘Auto Gear Shift’ car : भारत में वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। हर महीने लाखों की संख्या में कार और बाइक्स बिक रही हैं। ऐसे में सड़कों पर ट्रैफिक जाम भी ज्यादा हो गया है। ट्रैफिक में लोग लगातार अपनी कार का गियर बदलते और क्लच दबाते परेशान हो जाते हैं। ऐसे में ऑटोमैटिक गियर वाली कारें काफी सुकून देती हैं।
हाल ही में मारुति सुजुकी ने उम्मीद जताई है कि भारत के शहरों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए अगले साल ‘ऑटो गियर शिफ्ट’ वाले वाहनों की बिक्री में तेजी आ सकती है। कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने यह बात कही।
Maruti Suzuki ‘Auto Gear Shift’ car : कंपनी ने 2013-14 में पहली बार अपनी हैचबैक सेलेरियो में ‘ऑटो गियर शिफ्ट’ (AGS) तकनीक पेश की थी, जो ड्राइवरों को बिना क्लच का इस्तेमाल किया गियर बदलने की सुविधा देती है। इस तरह के गियरबॉक्स को AMT कहा जाता है, जिस मारुति ने अपनी भाषा में AGS नाम दिया है। मारुति ने अब तक ऐसे वाहनों की कुल 7.74 लाख यूनिट्स बेची हैं।
श्रीवास्तव ने बताया,”AGS पेश करने के बाद हमने धीरे-धीरे अपने कई मॉडलों में इसका विस्तार किया है। हम मानते हैं कि बढ़ती भीड़ के साथ गाड़ी चलाने में सुविधा के लिए एजीएस से मदद मिलेगी। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में ऐसा होगा। इसलिए हमारा मानना है कि इस टेक्नोलॉजी की मांग आगे बढ़ेगी।”
कंपनी के 9 मॉडल- सेलेरियो, ऑल्टो के10, वैगनआर, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट, ब्रेजा, एस-प्रेसो और बलेनो में AGS गियरबॉक्स का ऑप्शन मिलता है। श्रीवास्तव ने कहा कि लोग अब गाड़ी चलाने में अधिक आसानी चाहते हैं और इसलिए एजीएस वाहनों की बिक्री में भी तेजी आएगी।
Maruti Suzuki ‘Auto Gear Shift’ car : मारूति ने 2013-14 में पहली बार अपनी हैचबैक सेलेरियो में ‘ऑटो गियर शिफ्ट’ तकनीक पेश की थी, जो ड्राइवरों को बिना क्लच का इस्तेमाल किया गियर बदलने की सुविधा देती है। इस तरह के गियरबॉक्स को AMT कहा जाता है, जिस मारुति ने अपनी भाषा में AGS नाम दिया है। मारुति ने अब तक ऐसे वाहनों की कुल 7.74 लाख यूनिट्स बेची हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि ”AGS पेश करने के बाद हमनें धीरे-धीरे अपने कई मॉडलों में इसका विस्तार किया है। हम मानते हैं कि बढ़ती भीड़ के साथ गाड़ी चलाने में सुविधा के लिए एजीएस से मदद मिलेगी। खासतौर से शहरी क्षेत्रों में ऐसा होगा। इसलिए हमारा मानना है कि इस टेक्नोलॉजी की मांग आगे बढ़ेगी।”