Electric scooters and bikes will become more expensive : नई दिल्ली। अगर आप इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना महंगा पड़ सकता है क्योंकि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी को कम करने जा रही है। सब्सिडी घटने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें करीब 15 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। यानि सब्सिडी में कटौती से ई-स्कूटर महंगे हो सकते हैं। इससे देश के आम लोगों को इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी।
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अधिकारियों ने कहा कि सरकार बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए मौजूदा समय में 40% से सेलिंग प्राइस के 15% तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी को कम करने का प्रस्ताव कर रही है। यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इससे ग्राहकों के लिए प्रति यूनिट लागत में बढ़ोतरी हो सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री (एमएचआई) ने इस संबंध में एक हाई लेवल डिफरेंस मंत्रालयी पैनल को एक सिफारिश भेजी है जो इस मामले पर अंतिम फैसला लेगा।
यह ईवी दोपहिया वाहनों के प्रसार को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार उपलब्ध धन से अधिक वाहनों का समर्थन करने में सक्षम होगी। इसके अलावा, तीन पहिया वाले वाहनों के लिए सब्सिडी आवंटन का जो हिस्सा है, उसका उपयोग दोपहिया वाहनों के लिए भी किया जाएगा।
Electric scooters and bikes will become more expensive : केन्द्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स को 10,000 करोड़ रुपए के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम इंडिया) प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है। फेम इंडिया के दूसरे चरण के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए कुल फंड आवंटन इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए 1,000 करोड़ रुपए के आवंटन का उपयोग करके 3,500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। यह एलोकेशन बढ़ाकर और प्रति यूनिट सब्सिडी घटाकर संभव होगा।
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FAME 2 योजना से अब तक लगभग 5.63 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लाभान्वित हुए हैं। अगर सरकार मौजूदा स्तर पर प्रति यूनिट सब्सिडी जारी रखती हैं, तो निर्धारित राशि बढ़ाने के बावजूद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए आवंटन अगले दो महीनों में समाप्त हो जाएगा। सब्सिडी का प्रतिशत कम होने के बाद, फरवरी 2024 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को फेम इंडिया की ओर से समर्थन दिया जा सकता है। अधिकारियों को ऐसे वाहनों की मांग पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। देश में हर महीने लगभग 45,000 यूनिट इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री होती है।