रायपुर/भोपाल: MP-CG Election Result 2023 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत के साथ बीजेपी सत्ता के सिंहासन तक पहुंच चुकी हैं। एमपी में लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई तो छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना ने बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाई। राज्य स्तर की राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति के लिए संदेश यही हैं। बिना महिला वोटर को कुछ ‘सौगात’ दिए सत्ता की सीढ़ी तक चढ़ना अब इतना आसान नहीं होगा।
MP-CG Election Result 2023 3 राज्यों में बीजेपी की बंपर जीत के बाद बीजेपी हेडक्वार्टर में पीएम मोदी ने नारी शक्ति वंदन को जीत का बड़ा फैक्टर बताया। तीन राज्यों के नतीजों को देखे तो महिला वोटर्स ने वाकाई बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई हैं। महिला वोटर चाहे तो राजनीतिक पार्टियों को सत्ता के सिंहासन पर बैठा सकती है.औऱ चाहे तो सत्ता से बेदखल भी कर सकती है। मध्य प्रदेश में तो शिवराज सिंह चौहान ये बात बहुत अच्छे से जानते थे और यही वजह है कि अपनी चौथी पारी के लिए उन्होंने फिर से वही महिला कार्ड चला जो वो पहले के चुनावों में भी चल चुके हैं। लाडली लक्ष्मी के बाद इस बार लाडली बहना योजना ने शिवराज की राह आसान बना दी। मतदान केंद्रों के बाहर लगी महिलाओं की लंबी लाइन साफ इशारा कर रही थी कि लाडली बहनें इस बार कमाल करने जा रही हैं। मध्यप्रदेश में इस बार 2018 की तुलना में महिलाओं की वोटिंग में 2 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ। माना जा रहा है कि ये महिला वोट बीजेपी के पाले में गए हैं। हालांकि इसके लिए उसने तोहफों की बरसात भी की थी। लाड़ली बहना योजना के अलावा महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी सीधी भर्ती, 12वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं के लिए मुफ्त स्कूटी वगैरह कुछ ऐसे ही कदम थे जो शिवराज सरकार ने उठाए। चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना ने मध्यप्रदेश की 2 करोड़ 72 लाख वोटरों पर असर डाला।
2 इधर, छत्तीसगढ़ में भी जीत बताती है कि महिला वोटर साथ आईं। यहां घोषणापत्र में महतारी वंदन योजना का ऐलान किया गया, जिसमें विवाहित महिलाओं को 12 हजार रुपये की सालाना आर्थिक मदद का वादा किया गया। इसके साथ बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में रानी दुर्गावती योजना का भी ऐलान किया था। यही वजह है कि बीजेपी के वादों को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने पहले चरण के मतदान के बाद छत्तीसगढ़ गृह लक्ष्मी योजना की घोषणा की, जिसमें 15 हजार रुपये सालाना देने का ऐलान सीएम की ओर से किया गया। मगर यहां कांग्रेस लेट हो चुकी थी। वहीं दूसरी तरफ 2018 में शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आने वाली कांग्रेस को इस वादाखिलाफी का नुकसान भी उठाना पड़ा।
3 चार राज्यों के चुनाव परिणामों ने ये साफ कर दिया है कि राजनीतिक पार्टियों के लिए महिलाओं को बतौर वोट बैंक गंभीरता से ना लेना कैसे उनके लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है। कांग्रेस ने कोशिश तो बहुत की मगर इस पिच पर वो 19 साबित हुई औऱ अब बीजेपी मिशन 2024 यानी लोकसभा की तैयारी में है। जाहिर तौर पर इस बार भी महिला वोटर पर ही भाजपा का फोकस रहना है। कांग्रेस इसका क्या काट निकालेगी ये तो वक्त बताएगा।