भानुप्रतापपुर: Savitri Mandavi NetWorth भानुप्रतापपुर विधानसभा उत्तर बस्तर के कांकेर जिले का ग्रामीण क्षेत्र और तहसील है। कल यानी 7 नवंबर को बस्तर संभाग में वोट डाले जाएंगे। इसमें भानुप्रतापुर सीट भी शामिल है। इस सीट पर कांग्रेस ने जहां सावित्री मनोज मंडावी को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा की ओर से गौतम उइके चुनावी मैदान में हैं।
Savitri Mandavi NetWorth भानुप्रतापपुर में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। साल 2013 से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट पर पिछली बार कांग्रेस से दिवंगत मनोज मंडावी ने बीजेपी के प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को हराया था। पिछले साल क्षेत्र के विधायक रहे दिवंगत मनोज मंडावी के निधन के बाद इस सीट से उनकी पत्नी सावित्री मंडावी ने कांग्रेस की टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीतकर इस सीट को कांग्रेस के खाते में बरकरार रखा।
पति के निधन और उपचुनाव की तारीख घोषित होने के बाद सावित्री मंडावी ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। सावित्री मंडावी को कुल 65 हजार 327 वोट मिले, जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 44229 वोट मिले। माना जा रहा है कि पिछली बार सावित्री मंडावी को सिम्पैथी वोट हासिल हुए थे लेकिन इस बार यह चुनाव रोचक है। क्षेत्र के मतदाताओं में पूर्व प्रत्याशी को लेकर नाराजगी भी देखी जा रही है। बात करें भानुप्रतापुर में जनता के मुद्दों की तो यहां कई बुनियादी समस्याएं अब भी बरकरार है जिनका निदान नहीं हो सका है। इनमें पेयजल और सड़क जैसे मुद्दे चुनावी दशा दिशा तय कर सकती है।
मीडिया की जमीनी रिपोर्ट की माने तो सावित्री मंडावी को लेकर जनता में पहले की तरह उत्साह नहीं दिखाई पड़ रहा है। उनकी सभाओं में पहले की अपेक्षा भीड़ भी नहीं जुट रही है जबकि मतदाता भी समर्थन को लेकर मौन नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरे प्रत्याशियों के आक्रामक प्रचार ने भी कांग्रेस उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ा दी है। देखा जा रहा है कि जो नेता भानुप्रतापपुर से टिकट के दावेदार थे वह भी सावित्री मंडावी के साथ नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार सावित्री मंडावी के लिए भानुप्रतापुर सीट पर पुराना प्रदर्शन दोहरा पाना कठिन होगा।
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