#SarkarOnibc24 भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को औंधे मुंह गिरा कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक बीजेपी के कुछ दिग्गज नेताओं लिए परेशानी बनते नजर आ रहे हैं… महाराज और उनके समर्थकों की वजह से ग्वालियर-चंबल में इन नेताओं का भविष्य अधर में लटक गया। ग्वालियर-चंबल में एक या दो नहीं… बल्कि ऐसे नेताओं की बड़ी लिस्ट है.. जिनका राजनीतिक जीवन सिंधिया समर्थकों की वजह से हाशिये पर आ चुका है।
जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक बीजेपी में आए हैं, तब से बीजेपी तीन खेमों में बंटी नजर आ रही है.. कथित तौर पर पहला खेमा शिवराज बीजेपी का है, दूसरा खेमा महाराज बीजेपी का है और तीसरा खेमा नाराज बीजेपी का…आज भी शिवराज बीजेपी और महाराज बीजेपी में तो कोशिश कर सामंजस्य बिठाया जा रहा है। वहीं, नाराज बीजेपी इस सामंजस्य से दूर दिख रही है। सिंधिया समर्थकों वाली सीटों में बीजेपी के कई कद्दावर नेता टिकट की आस में हैं.. लेकिन सिंधिया समर्थकों की वजह से उनको टिकट मिलने में संशय है।
आइये जानते हैं कि ऐसे कौन से बीजेपी के दिग्गज हैं,जिनका राजनीतिक भविष्य सिंधिया समर्थकों की वजह से संकट में है।
– ग्वालियर विधानसभा सीट में साल 2020 उपचुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता जय भान सिंह पवैया का टिकट काटकर सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर को टिकट दिया गया था.. ऐसे में अब फिर जयभान सिंह पवैया को मनाना बीजेपी के लिए मुश्किल भरा हो सकता है।
– मेहगांव विधानसभा सीट पर बीजेपी के दो कद्दावर नेता मुकेश चौधरी और राकेश शुक्ला नजर गड़ाए हुए हैं। यहां 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया को जीत मिली थी.. अगर फिर ओपीएस भदौरिया को टिकट मिलता है.. तो इन दोनों नेताओं को मनाना बड़ी चुनौती होगी।
– मुरैना विधानसभा सीट में 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को बीजेपी ने टिकट दिया था.. लेकिन वो चुनाव हार गए। अगर कंसाना को फिर टिकट मिलता है तो पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह समेत दूसरे नेताओं को BJP कैसे शांत रख पाएगी।
– दिमनी विधानसभा सीट पर 2020 के उपचुनाव में सिंधिया समर्थक गिर्राज दंडोतिया को टिकट मिला.. लेकिन वो यहां से हार गए थे। दंडोतिया फिर से टिकट लेने की जुगत में है। ऐसे में पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह को मनाना बीजेपी के लिए चुनौती भरा होगा।
– गोहद विधानसभा से लाल सिंह आर्य बीजेपी का एक मजबूत चेहरा हैं… पार्टी ने रणवीर जाटव का टिकट काट कर उन्हें उम्मीदवार भी बना दिया है। कहा जा रहा है, रणवीर जाटव लाल सिंह के खिलाफ माहौल बना रहे हैं।
हालांकि लाल सिंह आर्य सब कुछ ठीक बता रहे हैं।
साल 2020 के उपचुनाव में सरकार बनाने की तिकड़म में कई BJP नेताओं से उनकी सियासी जमीन छिन गई थी.. और टिकट में सिंधिया समर्थकों को तरजीह मिली थी..अब फिर चुनाव आ गए हैं.. और टिकट को लेकर हालात टकराहट के हो सकते हैं.. और जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, सियासी जमीन के फिसलने का नुकसान भी झेलना होगा।