कोहिमा, पांच मार्च । नगालैंड की नयी सरकार विपक्ष-रहित सरकार की ओर बढ़ रही है क्योंकि लगभग सभी दलों ने पिछले महीने हुए चुनावों में जीत हासिल करने वाले एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की है।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव 40-20 सीट बंटवारा फॉर्मूले के साथ लड़ा था और लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की। एनडीपीपी और भाजपा ने चुनाव में क्रमश: 25 और 12 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की। राज्य में विधानसभा चुनाव के परिणाम दो मार्च को घोषित किए गए थे।
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सात सीट, एनपीपी ने पांच और नगा पीपुल्स फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और आरपीआई (आठवले) ने दो-दो सीट जीती। वहीं जनता दल (यूनाइटेड) ने एक सीट, जबकि चार निर्दलीय ने भी जीत हासिल की है।
यह पहली बार है जब नगालैंड राज्य विधानसभा चुनाव में इतने सारे राजनीतिक दलों की जीत का गवाह बन रहा है। लोजपा (रामविलास) और आरपीआई (आठवले) राज्य की राजनीति में नए हैं।
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हालांकि एनडीपीपी-भाजपा ने अभी तक सरकार गठन का दावा पेश नहीं किया है, लेकिन उन्हें अपनी दूसरी पारी जारी रखने के लिए अन्य राजनीतिक दलों से बिना शर्त समर्थन मिला है।
सूत्रों ने कहा कि लोजपा (रामविलास), आरपीआई (आठवले), जद (यू) पहले ही गठबंधन सहयोगियों को समर्थन पत्र सौंप चुके हैं।
नवनिर्वाचित राकांपा विधायक वाई मोहनबेमो हम्त्सो ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्य विधानसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राकांपा ने शनिवार को नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली एनडीपीपी को ‘बिना शर्त’ समर्थन देने वाला एक पत्र सौंपा।
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इसी तरह, एनपीएफ के महासचिव एवं नवनिर्वाचित विधायक अचुम्बेमो किकोन
ने कहा कि हालांकि अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन पार्टी द्वारा ‘‘सरकार को समर्थन देने की संभावना है।’’ एनपीएफ के दो सदस्य विजयी हुए हैं।
सभी राजनीतिक दलों के एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन का समर्थन करने के साथ ही नगालैंड में एक और सर्वदलीय सरकार होगी।
अतीत में, 2015 और 2021 में सरकार के चालू कार्यकाल के दौरान विपक्ष-रहित सरकारें बनीं थी, लेकिन यह पहली ऐसी विधानसभा होगी, जो सदन के शपथ लेने से पहले ही विपक्ष-रहित होने के लिए तैयार है।