MP’s Next CM Face: इंदौर। दिल्ली में हुई केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में फिलहाल जो बातें सामने निकल कर आ रही हैं उनमें नए चेहरे को मध्य प्रदेश की कमान सौंपने पर ज्यादा जोर देने की बात कही जा रही है और इसी को लेकर मध्यप्रदेश में मिली धमाकेदार जीत में मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन चल रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी होने के बावजूद इंदौर से पिछले पचास साल के बाद कैलाश विजयवर्गीय वो दूसरा नाम हैं, जो मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं।
MP’s Next CM Face: 1972 में पीसी सेठी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। भगवतराव मंडलोई, कैलाशनाथ काटजू, कैलाशचंद्र जोशी, वीरेन्द्र कुमार सकलेचा और सुरेन्द्र पटवा वो नाम हैं, जो मालवा-निमाड़ से मुख्यमंत्री बने, लेकिन इसमें इंदौर से सिर्फ पीसी सेठी को ही मौका मिला। अब कैलाश विजयवर्गीय फिर इस दौड़ में हैं। वही कैलाश विजयवर्गीय भी अपनी और से पूरा जोर लगा रहे हैं जीत के बाद वह दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है।
MP’s Next CM Face: मैन फॉर डेवलपमेंट के नाम से मशहूर विजयवर्गीय इंदौर के महापौर भी रह चुके हैं और शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे है। उद्योग विभाग देखते हुए उन्होंने टीसीएस और इंफोसिस यहां लाने का काम किया था। चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले विजयवर्गीय को सबसे पहले हरियाणा का प्रभारी बनाया गया था उसके बाद हिमाचल और फिर पश्चिम बंगाल में उन्होंने पार्टी का काम देखा। इस बार मालवा-निमाड़ की 66 में 48 सीटों पर उन्होंने पार्टी को जीत दिलवा दी।
MP’s Next CM Face: कैलाश विजयवर्गीय खुद भी अपने बयानों में यह कह चुके हैं कि वह सिर्फ विधायक बनने के लिए नहीं आए पार्टी उन्हें बड़ी जवाबदारी सौंपने वाली है। उनके इस बयान के बाद ही में लगातार चर्चा में बने रहे और मध्य प्रदेश में हुई प्रचंड जीत में मालवा निमाड़ में 48 सीट जितवाकर उन्होंने अपनी न केवल अहम भूमिका निभाई। बल्कि जिस क्षेत्र से वहां लड़े उसे क्षेत्र में भी उन्होंने क्लीन से करते हुए पूरी 9 की 9 सिम बीजेपी को जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
MP’s Next CM Face: इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अरविंद तिवारी का कहना है कि पीसी सेठी के बाद इंदौर से किसी को भी मध्य प्रदेश के जिम्मेदारी नहीं मिली लंबे अरसे के बाद कैलाश विजयवर्गीय इस दौड़ में शामिल है और उन्होंने जिस तरह पार्टी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वह इसके प्रबल दावेदार माने भी जा रहे हैं।
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