विजेन्द्र पांडेय, जबलपुर: Mahakoshal EXIT POLL 2023 मध्यप्रदेश के महाकौशल अंचल से अपना मुख्यमंत्री चेहरा यानि कमलनाथ के आने से कांग्रेस को यहां, बड़ी बढ़त की उम्मीद थी। लेकिन, एग्ज़िट पोल कुछ और बता रहे हैं। तमाम एग्जिट पोल्स को देखें तो इनमें महाकौशल में कांग्रेस को 2 से 5 सीटों का नुकसान बताया जा रहा है। 2018 में कांग्रेस की ताकत बने महाकौशल में अब नुकसान बताए जाने पर बहस भी छिड़ गई है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर महाकौशल में कांग्रेस पिछड़ती है तो ये कमलनाथ के लिए सबसे बड़ा झटका होगा।
Mahakoshal EXIT POLL 2023 मध्यप्रदेश की 38 विधानसभा सीटों वाला महाकौशल अंचल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए सत्ता की चाबी साबित हुआ था, तब चुनाव में कांग्रेस को 24 सीटें मिली थीं और भाजपा 13 सीटों पर सिमट गई थी। यही वजह है कि बीजेपी ने इस बार महाकौशल में सबसे ज्यादा ज़ोर लगाया। पीएम मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई दिग्गज चेहरों ने महाकौशल के जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला जैसे जिलों में कई सभाएं और रोड शो किए। दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और खुद कमलनाथ ने महाकौशल में वोटर्स को साधने की जिम्मेदारी उठाई। अब चुनावी नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल महाकौशल में कांग्रेस को नुकसान और भाजपा को फायदा दिखा रहे हैं। सभी एग्जिट पोल का एवरेज निकाल लिया जाए तो महाकौशल में कांग्रेस को 2 से 5 सीटों का नुकसान हो रहा है। यानि यहां कांग्रेस को 38 में से 18 से 22 सीटें मिल रही हैं और भाजपा को 13 से बढ़कर 17 से 19 सीटें मिल रहीं हैं। एग्जिट पोल्स के इन चौंकाने वाले अनुमानों पर सियासत भी गरमा गई है।
तीसरी तरफ राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एग्ज़िट पोल एक ट्रैंड तो बताते हैं लेकिन वो सटीक निकलेंगे ऐसा नहीं कहा जा सकता। अगर वाकई महाकौशल में कांग्रेस को नुकसान होता है, तो इसके पीछे लाडली बहना योजना के अलावा महाकौशल को जीतने के लिए 4 सांसदों को उतारने की भाजपा की रणनीति सफल मानी जाएगी और अपने गढ़ में सीटों का ये नुकसान कमलनाथ के लिए सबसे बड़ा सैट बैक होगा।
फावीओ- ये बात तो तय है कि मध्यप्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव का परिणाम PCC चीफ कमलनाथ का राजनीतिक भविष्य भी तय करने जा रहा है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद कमलनाथ के गढ़ महाकौशल से ही है। लेकिन अगर कमलनाथ अपना घर हारते हैं तो पाने को कुछ रह नहीं जाएगा।हालांकि सच जानने के लिए 3 दिसंबर का इंतज़ार करना होगा, जब वोटिंग मशीनों से जनादेश बाहर निकलेगा।