Gujarat Assembly Election 2022: PM नरेंद्र मोदी का गृहक्षेत्र होने से गुजरात विधानसभा चुनाव पर सबकी निगाहें हैं। पूरे देश की जनता गुजरात पर नजर गड़ाए बैठी हुई है। इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायने में खास है। गुजरात के 15वीं विधानसभा चुनावों में किस पार्टी की सरकार बनने जा रही है?, किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी?, बीजेपी क्या तोड़ पाएगी अपना कीर्तिमान?, क्या 7वीं बार सरकार बना पाएगी?, गुजरात विधानसभा चुनावों के परिणामों को लेकर देश और दुनियाभर में दिलचस्पी है। इसकी बड़ी वजह आम आदमी पार्टी है, जो इस बार के चुनावी मैदान में है। गुजरात में जोर-शोर से चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने किसको अपसेट किया। इसको लेकर सभी में उत्सुकता है। यहां पर हम आपको बता रहे हैं गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के सभी महत्वपूर्ण FACT FILE…
– विधानसभा की कुल सीट- 182
– 182 विधानसभा सीटों में 40 सीटें आरक्षित हैं। 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 13 सीटें अनुसूचित जाति के रिजर्व हैं।
– पिछला विधानसभा चुनाव साल 2017 में हुआ था, जो दो चरणों में हुआ था, जिसमें कुल 68.39% मतदान हुआ। इसमें बीजेपी को 99 सीटें, कांग्रेस को 77 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं।
– वर्तमान में यहां 14वीं विधानसभा अस्तित्व में है, जिसका कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म होगा
– वर्तमान में भाजपा की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल हैं
– विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा- 92 सीट
– गुजरात में कुल जिले- 33
– गुजरात का गठन- 1 मई 1960
– कुल लोकसभा सीटें – 26
– बीजेपी ने अभी तक सर्वाधिक 127 सीटें चुनाव में जीती हैं
– पहले चरण का मतदान- 1 दिसबंर 2022 को 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों पर हुआ था
– दूसरे चरण का मतदान- 5 दिसंबर 2022 को 93 सीटों के लिए हुआ था। इस चरण में CM भूपेंद्र पटेल (घाटलोदिया से), पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (विरमगाम से) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता अल्पेश ठाकोर (गांधीनगर दक्षिण से) की सीटों पर चुनाव हुए।
– दूसरे चरण में में कुल 833 उम्मीदवार किस्मत आजमाए
– दूसरे चरण में 60 राजनीतिक दलों के 833 उम्मीदवार और निर्दलीय मैदान में रहे।
– मतगणना – 8 दिसंबर को चुनाव का रिजल्ट आएगा। 8 दिसंबर की शाम तक विजेताओं की स्थिति साफ हो जाएगी।
– गुजरात विधानसभा चुनावों में TV-9 ने अपने एग्जिट पोल में BJP को 125 से 130 सीटें मिलने का दावा किया है। कांग्रेस को यहां 40 से 50 सीटें मिल सकती है। यहां आम आदमी पार्टी को तीन से पांच सीटें मिल सकती हैं।
– News 18 NEWS X के एग्जिट पोल में भाजपा को 132, कांग्रेस ने 38, आप 07 और अन्य के खाते में 05 सीटें जाती दिख रही हैं।
– जन की बात ने अपने एग्जिट पोल में दावा किया है कि गुजरात में भाजपा 117 से 140 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को यहां 35 से 51 सीटें मिल सकती है। वहीं यहां आम आदमी पार्टी को 6 से 13 सीटें मिल सकती हैं।
– Republic P-Marque ने सर्वे के बाद अपने एग्जिट पोल में दावा किया है कि गुजरात में भाजपा को 128 से 140 सीटें और कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिल सकती हैं। यहां आम आदमी पार्टी को एक से तीन सीटें ही मिलने की उम्मीद है। वहीं अन्य को एक सीट मिल सकती है।
पिछली बार साल 2017 में सभी एजेंसियों ने गुजरात में बीजेपी की जीत का पूर्वानुमान लगाया था, जो सही निकला। हालांकि, सीटों का अनुमान जरूर थोड़ा कम और ज्यादा निकला। साल 2017 में बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2012 के मुकाबले बीजेपी को 16 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था। दूसरी ओर कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2012 के मुकाबले कांग्रेस को 16 सीटों पर लाभ मिला था।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी मुश्किल से सरकार बचा पाने में सफल रही थी। दो दशक में पहली बार पार्टी की सीटों की संख्या दो अंकों में सिमट गई थी। बीजेपी सिर्फ 99 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस से गठबंधन करके लड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को 2 सीटें मिली और 1 सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विजयी हुई थी। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते थे। इनमें वडगाम से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की कांग्रेस के समर्थन से जीत हुई थी।
Gujarat Election Exit Poll: राज्य में 15वीं विधानसभा के चुनाव पिछले सालों के अपेक्षा जल्दी कराए गए। पिछले 20 सालों में पहली बार 1 दिसंबर को वोटिंग हुई। तो वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को हुई। विधानसभा चुनावों के जल्दी संपन्न होने के चलते राज्य में सरकार का गठन भी जल्द होने की उम्मीद है। 15 दिसंबर राज्य में नई बनने का आसार हैं। अगर बीजेपी एक बार फिर से चुनाव में जीत हासिल करती है तो यह बीजेपी की लगातार 7वीं जीत होगी। इसके साथ ही राज्य में बीजेपी कांग्रेस के शासन काल से आगे निकल जाएगी और एक नया कीर्तिमान रचेगी।
– AAP के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईसूदान गढ़वी (सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वारका जिले की खंभालिया सीट से) AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया सूरत के कटारगाम सीट से, अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में जामनगर (उत्तर) से क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा, सूरत की अन्य सीटों से गृह मंत्री हर्ष सांघवी, पूर्णेश मोदी और भावनगर (ग्रामीण) से 5 बार के विधायक पुरुषोत्तम सोलंकी का नाम शामिल है।
– गुजरात AAP के महासचिव मनोज सोरठिया करंज से, पाटीदार समाज के नेता अल्पेश कथीरिया सूरत के वराछा रोड से उम्मीदवार हैं।
– सौराष्ट्र इलाके में ललित कगथारा, ललित वसोया, रुत्विक मकवाना और मोहम्मद जावेद पीरजादा जैसे सिटिंग कांग्रेसी विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
– सात बार के विधायक और दिग्गज आदिवासी नेता छोटू वसावा भरूच के झगड़िया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
– CM भूपेंद्र पटेल (घाटलोदिया से)
– पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (विरमगाम से)
– बीजेपी ने महेसाणा सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का टिकट काटकर मुकेश पटेल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस पार्टी ने यहां से पीके पटेल और आप ने भगत पटेल को उतारा है।
– गांधीनगर दक्षिण सीट पर बीजेपी ने शंभूजी ठाकोर की जगह यहां पर अल्पेश ठाकोर को मैदान में उतारा है। 2017 में हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी के साथ बीजेपी विरोध के पोस्टर ब्वॉय रहे अल्पेश का यहां पर मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. हिमांशु पटेल से है।
– वाघोडिया सीट जो मध्य गुजरात के केंद्र वडोदरा जिले की यह सीट अहम सीटों में शामिल है। बीजेपी ने बाहुबली विधायक मधु श्रीवास्तव की टिकट काटकर यहां से पार्टी के ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष अश्विन पटेल को मौका दिया है। तो वहीं पार्टी से बगावत करके मधु श्रीवास्तव निर्दलीय लड़ रहे हैं। 1995 में निर्दलीय जीतकर इस सीट पर कब्जा जमाने वाले मधु श्रीवास्तव अब तक छह बार जीत चुके हैं। मधु श्रीवास्तव का कहना है कि सात उनका लकी नंबर है, ऐसे में वे जरूर जीतेंगे। इस सीट पर पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे धर्मेंद्र सिंह वाघेला फिर से मैदान में है। इसके अलावा कांग्रेस ने वडोदरा के पूर्व सांसद सत्यजीत गायकवाड़ को यहां से उतारा है।
– गोधरा सीट से एक बार फिर बीजेपी ने मौजूद विधायक सीके राउलजी को उतारा है। कांग्रेस ने यहां से स्मिताबेन चौहाण को उतारा है तो वहीं आप और AIMIM के उम्मीदवार भी यहां से ताल ठोंक रहे हैं।
– आदिवासी बहुल छोटा उदेपुर की यह सीट दो राठवा नेताओं के बेटों की जंग की वजह से चर्चा में है। आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित यह इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। पिछली बार यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहन सिंह राठवा जीते थे, लेकिन इस बार उन्होंने ऐन चुनावों के ऐलान से पहले बीजेपी ज्वाइन की और अपने बेटे को मैदान में उतार दिया। तो वहीं कांग्रेस से इस सीट पर छोटा उदेपुर नगर पालिका के चेयरमैन संग्राम सिंह मैदान में हैं। वे राज्यसभा सांसद नारायण राठवा के बेटे हैं। अब देखना यह है कि यहां पर मतदाता किस राठवा नेता के बेटे को अपना प्रतिनिधि चुनते हैं या फिर आप नेता प्रो. अर्जुन राठवा जीतते हैं।
– अहमदाबाद जिले की नरोडा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ है। इस सीट पर बीजेपी का 1990 से लगातार कब्जा है। पार्टी ने इस बार यहां से डॉ. पायल कुकराणी को टिकट दिया है। तो आम आदमी पार्टी ने यहां से उत्तर भारतीय मतों को लुभाने के लिए ओम प्रकाश तिवारी को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने यह सीट गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को दी है। एनसीपी ने यहां से मेघराज डोडवानी को टिकट दिया है। बीजेपी प्रत्याशी पायल कुकराणी नरोडा पाटिया दंगों के दोषी मनोज कुकराणी की बेटी हैं।
– अरवल्ली जिले बायड सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती है। इस बार कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व में एक बार विधायक रहे चुके पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह वाघेला को टिकट दी है। वाघेला 2012 में 35 हजार वोटों से जीते थे। इसके बाद 2017 में पार्टी ने धवल सिंह झाला को उतारा था। वे भी जीते थे, लेकिन फिर बाद में वे बीजेपी में चले गए थे। इसके चलते उप चुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस के जसुभाई पटेल जीते और झाला को हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे के लड़ने से यह सीट चर्चा में आ गई है। बीजेपी ने यहां से भीखीबेन परमार को उतारा है, जबकि आप ने चुन्नीभाई पटेल को मौका दिया है। बेटे को जिताने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी बायड में डेरा डाले हुए हैं।
गुजरात के 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों पर 1 दिसंबर को मतदान हुआ। पहले चरण में 63 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। 2017 के मुकाबले इसमें करीब 4 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। साल 2017 में इन सीटों पर 67.20 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था। ऐसे में सवाल यही है कि मतदान घटने के मायने क्या हैं? मतदान घटने से किसे फायदा होगा? गुजरात के 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान हुआ। पहले चरण में 63 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ। साल 2017 के मुकाबले इसमें करीब चार फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। साल 2017 में इन सीटों पर 67.20 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था। ऐसे में सवाल यही है कि मतदान घटने के मायने क्या हैं? मतदान घटने से किसे फायदा होगा? सवाल ये भी है कि 2017 में जिन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस को जीत मिली थी, वहां क्या हुआ?
भाजपा और कांग्रेस पार्टी के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों का भी वोट वाइज आकलन किया गया। भाजपा के नेता और प्रत्याशी अपनी सरकार बना रहे हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी बहुमत का दावा ठोक रही है। निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत का दावा कर रहे हैं। इन नेताओं का गणित कितना सटीक बैठता है, इसका सही फैसला 8 दिसंबर को ईवीएम खोलने के बाद ही होगा। इसके बाद ही किस पार्टी के सिर जीत का ताज सजेगा, ये क्लीयर हो जाएगा।
गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना की प्रक्रिया आठ दिसंबर को होगी। वोटों की गिनती भुज स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में होगी। चुनाव आयोग ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुका है। 8 तारीख को पूरे प्रदेश में जिलेवार मतगणना होगी। कच्छ की 6 सीटों के लिए भुज के इंजीनियरिंग कॉलेज में सुबह 8 बजे से काउंटिंग होगी। विधानसभा की 6 सीटों वाइज कॉलेज में अलग-अलग कक्षों में मतगणना शुरू होगी। इसके लिए 700 से 800 कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है। ईवीएम में मतों की गिनती के बाद वे ईवीएम को सील करने और वापस स्ट्रांगरूम में डालने सहित अन्य कामकाज संभालेंगे। 14 टेबल पर एक साथ विधानसभावार मतगणना होगी। बारी-बारी से अलग-अलग राउंड करके गणना होगी। अब्दासा विधानसभा में अधिकतम 27 राउंड की मतगणना होगी। जबकि मांडवी के लिए 20 राउंड, भुज के लिए 21 राउंड, अंजार के लिए 20 राउंड, गांधीधाम के लिए 22 राउंड और रापड़ के लिए 20 राउंड में मतगणना होगी। मतगणना के समय अभ्यर्थियों के साथ-साथ उपस्थित कार्यकर्ताओं के बैठने की भी व्यवस्था रहेगी।
पहली बार चुनाव आयोग के मोबाइल एप से गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव नतीजे तुरंत जान सकेंगे। चुनाव आयोग इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे जानने के लिए किसी भी मतगणना केंद्र के बाहर स्क्रीन नहीं लगाएगा।