खंभालिया । गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी खंभालिया से मैदान में हैं, जिसके चलते इस सीट पर सबकी नजरें हैं। गढ़वी को इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना होगा, जहां से कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक विक्रम मदाम को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने मुलुभाई बेरा को उतारा है। ‘आप’ में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक लोकप्रिय गुजराती समाचार वाचक रहे गढ़वी की छवि अच्छी है और वह राज्य में अपनी पार्टी के मुख्य प्रचारक के रूप में उभरे हैं, लेकिन चुनावी जानकारों का कहना है कि इस निर्वाचन क्षेत्र के सामाजिक समीकरण उनके लिए एक चुनौती हैं।
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दिग्गज नेता व पूर्व लोकसभा सदस्य मदाम और राज्य के पूर्व मंत्री बेरा दोनों अहीर समुदाय से संबंध रखते हैं। जाति के हिसाब से इस सीट पर अहीर समुदाय से संबंध रखने वालों की संख्या सबसे अधिक है जबकि मुसलमान मतदाता भी काफी महत्वपूर्ण हैं। चुनाव पर नजर रखने वालों का कहना है कि मतदान में जाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और ‘आप’ नेता गढ़वी को नुकसान हो सकता है क्योंकि इस सीट पर उनके समुदाय के मतदाताओं की संख्या बहुत कम है जबकि मुसलमानों का रूझान कांग्रेस की तरफ है।
हालांकि, गढ़वी ने खुद को एक किसान के बेटे के रूप में पेश किया है। उन्होंने कहा है कि वह सभी के लिए काम करेंगे और सामुदायिक पहचान को बढ़ावा नहीं देंगे। ‘आप’ के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि गढ़वी रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करेंगे। कांग्रेस और भाजपा दोनों के कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि मुकाबला उनके दलों के बीच है और ‘आप’ इस लड़ाई में तीसरे स्थान पर रहेगी। हालांकि, ‘आप’ सदस्यों का कहना है कि परंपरागत रूप से दोनों बड़े दलों को उनकी पार्टी के आने से “झटका” लगा है। भाजपा ने 2007 और 2012 में यह सीट जीती थी, लेकिन 2014 के उपचुनाव में वह कांग्रेस से हार गई थी। कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में यह सीट बरकरार रखी थी। खंभालिया देवभूमि द्वारका जिले में पड़ता है, जो सौराष्ट्र क्षेत्र का एक हिस्सा है। इस सीट पर पहले चरण में एक दिसंबर को मतदान होना है। राज्य में दूसरे चरण के तहत पांच दिसंबर को मतदान होना है जबकि मतगणना आठ दिसंबर को होगी।