रायसेनः Bhojpur VidhanSabha Seat साल 2023 राजनीतिक दृष्टिकोण से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बेहद खास है। इन दोनों राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। सभी राजनीतिक दल दोनों राज्यों को जीतने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव के इस साल में IBC24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। हम अपने कार्यक्रम चुनावी चौपाल के जरिए आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे। आज हमारी टीम मध्यप्रदेश के भोजपुर विधानसभा सीट पर पहुंची और लोगों से वहां की समस्या और विधायक के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की।
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Bhojpur VidhanSabha Seat रायसेन जिले का भोजपुर, राजा भोज के बनाए प्रसिद्ध शिव मंदिर और विशाल शिवलिंग के लिए विश्व विख्यात है। इस विधानसभा क्षेत्र की एक और बड़ी पहचान औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप है। 2018 के आकड़ों के मुताबिक यहां पर कुल 2 लाख 18 हजार 195 मतदाता हैं। इस सीट से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा तीन बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन अब उनके भतीजे सुरेंद्र पटवा भोजपुर से विधायक हैं। लंबे समय से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
2018 के चुनावों में प्रदेश की भोजपुर विधानसभा पर बीजेपी के सुरेंद्र पटवा ने कांग्रेस के सुरेश पचौरी को 29486 शिकस्त दी है। इस चुनाव में कांग्रेस के सुरेश पचौरी को 62972 वोट मिले और बीजेपी के सुरेंद्र पटवा को 92458 वोट मिले।
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2013 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी को हराया था। पटवा को जहां 80491 वोट मिले थे तो वहीं पचौरी को 60342 वोट मिले थे। पटवा ने पचौरी को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। बता दें कि पचौरी ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2013 के चुनाव से पहले एक बार उन्होंने भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वे पांच बार कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं।
साल 2008 के चुनाव में भी सुरेंद्र पटवा को जीत मिली थी। पटवा को जहां 42960 वोट मिले थे, तो वहीं राजेश पटेल को 29294 वोट मिले थे। पटवा ने राजेश पटेल तो 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
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यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता थी, लेकिन 1985 में जब सुंदरलाल पटवा यहां से पहली बार चुनाव लड़े, उसके बाद यहां कांग्रेस सिर्फ 2003 में ही चुनाव जीत पाई है। साल 1967 में अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर पहली बार कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस के गुलाबचंद ने इस चुनाव में जीत हासिल की। गुलाबचंद यहां से लगातार दस साल विधायक रहे। लेकिन 1985 के बाद इस सीट पर पटवा परिवार का कब्जा हो गया।
2018 के चुनावी वादों को लेकर वार्ड नंबर 8 के एक नागरिक ने कहा कि पाल मोहल्ले में ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। यहां हाट-बाजार के दिन गली में 4 पहिया गाड़िया नहीं जा पाती है। लोग पल्लेपार जाने के लिए नागरिक परेशान रहती है। नगर निगम बाजार के शिफ्टिंग को लेकर सुस्त है।
मुद्दों के सवाल पर एक नागरिक ने कहा कि सड़क, आवास, बेरोजगारी सहित कई ऐसे मुद्दें हैं, जो लगातार जारी है। बिजली की निरंतर कटौती जारी है, विभाग लगातार मानामना बिल भेज रही है। इसके अलावा सफाई, बजबजाती नालियां बड़े मुद्दें हैं।
विधायक के क्षेत्र में आने के सवाल पर बाड़ी नगर के एक नागरिक ने कहा कि यहां के विधायक सुरेंद्र पटवा ने दरकिनार कर दिया है। उनको लगता है कि यहां जनता की उन्हें कोई आवश्यकता नहीं है।
2023 के कैंडिडेट को लेकर एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि यहां भाजपा मजबूत स्थिति है। कांग्रेस यहां कमजोर नजर आती है। कांग्रेस पार्टी यहां कोई बेहरतरीन कैंडि़डेट नहीं उतार पाए। एक नागरिक ने कहा कि जनता अपने प्रतिनिधि को बदलना चाहती है, लेकिन कांग्रेस अच्छा उम्मीदवार नहीं दे पाती है।