पथरिया। Chunavi Chaupal in Pathariya छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अब विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ ही महीने बाकी है। सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। लिहाजा अब दोनों राज्यों की सियासत भी गर्म होने लगी है और पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। नेता अब अपने क्षेत्र के मतदताओं को रिझााने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनप्रतिनिधि और विधायक अपने-अपने क्षेत्र के दौरे पर भी जा रहे हैं।
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Chunavi Chaupal in Pathariya इस चुनावी साल में विधायकों के प्रदर्शन और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की बात भी जरूरी है। इसलिए हम आपके बीच आ रहे हैं और आपसे आपके क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों और विधायकों के प्रदर्शन पर बातचीत करेंगे। आज हम पहुंचे हैं मध्यप्रदेश के पथरिया विधानसभा सीट पर…
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पथरिया विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के दामोह जिले में आती है। 2018 में पथरिया में कुल 24 प्रतिशत वोट पड़े। 2018 में बहुजन समाज पार्टी से ने भारतीय जनता पार्टी के लखन पटेल को 2,205 वोटों के मार्जिन से हराया था। पथरिया विधानसभा सीट दमोह के अंतर्गत आती है।
पथरिया विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा है और जिसके बाद 2018 में बहुजन समाज पार्टी से ने भारतीय जनता पार्टी के लखन पटेल को हराकर कब्जा जमाया है। वर्तमान के विधायक बहुजन समाज पार्टी के रामबाई गोविंद सिंह है। दमोह लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस विधानसभा सीट पर कुल 2 लाख 10 हजार मतदाता हैं जिनमें करीब 1.05 लाख पुरुष और एक लाख महिला वोटर शामिल हैं।
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बीएसपी-रामबाई गोविंद सिंह 39,267 (24%)
भाजपा-लखन पटेल 37,062 (23%)
भाजपा-लखन पटेल 60,083 (43%)
कांग्रेस— कुंवर पुष्पेंद्र सिंह हजारी 52,768 (38%)
भाजपा— डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया बाबाजी 30,058 (27%)
बीएसपी-को. पुष्पेन्द्र सिंह हजारी 29,437 (26%)
मनासा विधानसभा सीट पर मुद्दों की कोई कमी नहीं है। बिजली, पानी समेत कई ऐसे मुद्दें है, जिससे आम नागरिकों को दो-चार होना पड़ता है। जब हमने लोगों से बात की तो विधायक और विकास को लेकर मिलाजुला जवाब मिला। एक मतदाता ने बताया कि यहां विकास बहुत कम हुआ है। यहां की जनता काफी परेशान है। वहीं एक महिला मतदाता ने बताया कि यहां हमारे पास रहने के लिए घर नहीं है। मतदाओं ने बताया कि यहां लोगों को आवास की परेशानी है। वहीं दूसरी मतदाओं ने बताया कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है। यहां किसानों से लेकर मजदूर, व्यापारी सभी परेशान है।