CG Assembly Election 2023: सास-बहू को घेरने इस बार भाजपा-कांग्रेस ने की है फूलप्रूफ प्लानिंग.. अब बेटे अमित की नजर इस सीट पर

पिछले सात दशक की बात करें तो यहाँ से हमेशा से कांग्रेस ही बाजी मारती रही है। इस तरह कोटा की काट ढूंढ पाना हमेशा से ही भाजपा और दुसरे दलों के के लिए टेढ़ी खीर साबित होती रही है।

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  • Publish Date - October 25, 2023 / 07:39 PM IST,
    Updated On - October 25, 2023 / 07:50 PM IST

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने उम्मीदवारों की अपनी एक और सूची जारी कर दी है। इस सूची में 11 विधानसभाओ के उम्मीदवारों के नाम शामिल है। यह सूची इसलिए भी अहम है क्योंकि जकाँछ ने जोगी परिवार की बहु ऋचा जोगी और कोटा से विधायक रेणु जोगी के नाम को भी शामिल किया है। हालांकि खुद अमित जोगी किस विधानसभा से मैदान में होंगे इसका खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या जोगी कांग्रेस जिसकी राजनैतिक हैसियत पिछले चुनाव के बाद से लगातार छत्तीसगढ़ में गिरती रही है, वह इस बार फिर से कमाल कर पाएगी? और उससे भी अहम सवाल कि उपचुनाव में नामांकन रद्द्द होने की वजह से मैदान से बाहर रहने वाले अमित जोगी क्या इस बार माँ रेणु जोगी और पत्नी ऋचा जोगी की नैया पार लगा पाएंगे?

कोटा में बढ़ेगी मुश्किलें

पिछले सात दशक की बात करें तो यहाँ से हमेशा से कांग्रेस ही बाजी मारती रही है। इस तरह कोटा की काट ढूंढ पाना हमेशा से ही भाजपा और दुसरे दलों के के लिए टेढ़ी खीर साबित होती रही है। 2006 में हुए उपचुनाव से अपनी जीत की शुरुआत करने वाली पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी डॉ रेणु जोगी लगातार यहाँ से विधायक है। पिछली बार कांग्रेस के बजाये उन्हें जेसीसी से उम्मीदवार बनाया गया था तब भी उन्होंने कांग्रेस के विबोहर सिंह और भाजपा के काशी राम साहू को मात दी थी। तो क्या इस बार भी समीकरण डॉ रेणु जोगी या जेसीसी के अनुकूल है? शायद नहीं। भाजपा और कांग्रेस ने इस बार कोटा को फतह करने का फूलप्रूफ प्लानिंग तैयार कर रखा है। भाजपा में यहाँ से अपने फायर ब्रांड नेता और जूदेव परिवार के बेटे प्रबल प्रताप जूदेव को उम्मीदवार बनाया है। इस तरह देखा जाएँ तो यहाँ की लड़ाई एक बार फिर से जोगी विरुद्ध जूदेव पर आकर ठहर गई है। वही कांग्रेस ने अटल श्रीवास्तव को मैदान में उतारकर इस पूरी लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। अब ऐसे में इस बार रेणु जोगी के लिए कोटा जीत पाना काफी चुनौती भरा होने वाला है।

2018 में कोटा के नतीजे

ऋचा के लिए अकलतरा में बड़ी चुनौती

बात करें जोगी परिवार की बहु ऋचा जोगी की तो इस बार ऋचा के लिए यह सीट और भी मुसीबतों से भरी रहने वाली है। इसकी वजह है सियासी गठबंधन का नहीं होना। दरअसल पिछले चुनाव में जकाँछ ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलाकर चुनाव लड़ा था। सीटों के शेयरिंग के आधार पर अकलतरा सीट पर ऋचा जोगी को साझे उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया था, बावजूद इसके उन्होंने चुनाव बसपा के निशान पर लड़ा था। हालाँकि उन्हें भाजपा के सौरभ सिंह के हाथो करीब 1800 वोटों से हार था। ऐसे में अब जब दोनों ही दल बसपा और जेसीसी स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में है तो क्या वाकई जोगी कांग्रेस कोई कमाल कर पायेगी यह कह पाना काफी मुश्किल है। बसपा ने इस बार डॉ विनोद शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है, कांग्रेस ने रघुवेन्द्र सिंह जबकि भाजपा से एक बार फिर सौरभ सिंह मैदान में है।

2018 में अकलतरा के नतीजे

जोगी कहा से लड़ेंगे चुनाव?

आखिरी सूची में भी अमित जोगी ने अपने विधानसभा का खुलासा नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा हैं अमित इस बार कटघोरा से अपनी किस्मत आजमा सकते है। कटघोरा सामान्य सीट है। इस सीट पर कांग्रेस के पुरषोत्तम कंवर का कब्ज़ा है। पिछले चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लखनलाल देवांगन को बड़े अंतर से मात दी थी। कटघोरा कांग्रेस पार्टी के लिए विरासत की सीट है यानी यहाँ से बोधराम कंवर लगातार कई दशकों तक चुनाव जीतते रहे है तो वही अब उनके बाद उनके बेटे यहाँ से विधायक है। यहाँ सीधी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होती है लेकिन अगर अमित जोगी यहाँ से उतरते है तो लड़ाई सीधे तौर पर त्रिकोणीय हो जाएगी।

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